दिल्ली की खराब हवा में कितना सुरक्षित आपका घर, बैठे-बैठे ऐसे कर सकते हैं टेस्ट
इस खराब हवा में आपका घर कितना सेफ है. इसका पता लगाने का सबसे आसान तरीका है अपनी रोजमर्रा की फीलिंग पर ध्यान देना. अगर घर में आंखों में जलन, गले में खराश, सिरदर्द या बार बार छींक आ रही है. तो यह खराब हवा का संकेत हो सकता है.
लंबे समय तक बंद कमरे में भारीपन महसूस होना भी इनडोर पॉल्यूशन की पहचान है. घर के अंदर धूल कितनी जल्दी जम रही है. यह भी एक टेस्ट है. अगर फर्नीचर या फर्श साफ करने के कुछ घंटों में ही धूल की परत दिखने लगे. तो हवा में पार्टिकुलेट मैटर ज्यादा है. खासकर खिड़की, पर्दे और इलेक्ट्रॉनिक सामान पर नजर रखें.
किचन भी इनडोर एयर क्वालिटी का बड़ा फैक्टर है. खाना बनाते वक्त आंखों में जलन, तेज गंध या धुआं रुक कर रह जाना खतरे की घंटी है. गैस चूल्हा, तड़का या फ्राइंग से निकलने वाला धुआं अगर जल्दी बाहर नहीं जा रहा. तो वेंटिलेशन कमजोर है.
आप एक आसान धूप वाला टेस्ट भी कर सकते हैं. खिड़की से आती धूप में अगर हवा में तैरते कण साफ दिखें, तो इसका मतलब हवा में प्रदूषक मौजूद हैं. ये कण वही होते हैं जो सांस के जरिए शरीर में जाते हैं और धीरे धीरे नुकसान पहुंचाते हैं.
इसके अलावा आप इनडोर एयर क्वालिटी मॉनिटर से भी पता कर सकते हैं. यह PM2.5, कार्बन डाइऑक्साइड और ह्यूमिडिटी दिखाते हैं. मोबाइल ऐप से जुड़ने वाले डिवाइस रियल टाइम में बताते हैं कि हवा कब ज्यादा खराब हो रही है.
अगर घर की हवा भी खराब हो रही है. तो घबराएं नहीं एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल, इनडोर पौधे और जरूरत पड़ने पर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे हवा सही होती है. इन दिनों दिल्ली की खराब हवा में घर को सुरक्षित रखना काफी जरूरी है.