बिहार के बाद दिल्ली में भी SIR की तैयारी, लेकिन इन लोगों से डॉक्यूमेंट नहीं मांगेगा चुनाव आयोग
दिल्ली में SIR की प्रोसेस अब एक्टिव मोड में है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी की टीम ने मैदान स्तर की तैयारियां शुरू कर दी हैं. सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में बूथ लेवल ऑफिसर यानी BLO तैनात हैं. और संबंधित अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि ऑन-ग्राउंड वेरिफिकेशन बिना रुकावट चले.
इस बार 2002 की वोटर लिस्ट को रेफरेंस बेस बनाया गया है. 2002 की सूची ऑनलाइन उपलब्ध है ताकि लोग अपना और माता-पिता का नाम मिलान कर सकें. जब BLO घर पर आएगा. तो वह आसान फॉर्म भरवाएगा. अगर 2002 और 2025 दोनों लिस्ट में नाम है.
तो आपको बस फॉर्म के साथ 2002 वाली एंट्री दिखा देनी होगा. अलग से कोई डाॅक्यूमेंट नहीं. जहां 2002 की लिस्ट में नाम नहीं दिखे वहां बेसिक आईडी के साथ माता-पिता की 2002 एंट्री दिखाकर कनेक्शन साबित किया जा सकता है.
इलेक्शन कमीशन ने 2002 के पुराने विधानसभा क्षेत्रों की मैपिंग मौजूदा हलकों से भी वेबसाइट पर डाल दी है. प्रोसेस को यूज़र-फ्रेंडली रखने के लिए डॉक्यूमेंट फ्लो सिंपल किया गया है. BLO घर-घर आकर जरूरी डिटेल लेकर फॉर्म कलेक्ट करेगा.
ताकि लोगों को दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें. जिला चुनाव अधिकारी से लेकर रजिस्ट्रेशन ऑफिसर और BLO तक सभी को सही से ट्रेन किया जा रहा है. ताकि टाइमलाइन टाइट रहे. आयोग का कहना है कि लक्ष्य वैध मतदाताओं को जोड़ना और गलत या डुप्लीकेट नाम हटाना है.
दिल्ली में 1.55 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड मतदाता दर्ज हैं. जिनमें पुरुष, महिला और ट्रांसजेंडर सभी श्रेणियां शामिल हैं. SIR की प्रोससे शुरू होते ही कैंप, डोर-टू-डोर चेक और रिकॉर्ड मैचिंग तेज होगी. जिससे नाम जोड़ना, सुधारना और गलत एंट्री हटाना तेजी से होगा.