राजस्थान के इस गांव में 80 से ज्यादा हाथी, इनके लिए अस्पताल से लेकर स्वीमिंग पूल तक की सुविधा
विकिपीडिया के अनुसार, भारत में 6 लाख 40 हजार 867 गांव हैं. हर गांव की अपनी एक खासियत है. एक भी गांव भारत में ऐसा नहीं है, जहां कुछ न कुछ खास न हो.
भारत के लगभग हर गांव में पशुपालन किया जाता है और ज्यादातर गांवों की इकोनॉमी पशुपालन और खेती पर निर्भर रहती है. आज हम आपको एक खास गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खासियत सुन आप भी हैरान रह जाएंगे.
हाथी तो भारत के लगभग हर राज्य में पाए जाते हैं, लेकिन राजस्थान का एक गांव ऐसा भी है, जहां हाथियों को न सिर्फ पाला जाता है, बल्कि उनकी किसी इंसान की तरह सेवा भी की जाती है.
हम बात कर रहे हैं जयपुर से 20 किमी दूर बसे हाथी गांव की. इस छोटे से गांव की आबादी जितनी छोटी है उतना ही बड़ा है यहां के लोगों का दिल, जो हाथियों पर आ गया है. हाथी गांव का लगभग हर शख्स अपने घर में हाथी पालता है. इस छोटे से गांव में 84 से भी ज्यादा हाथी हैं.
इन हाथियों के लिए गांव में 1 बीएचके और 2 बीएचके क्वार्टर भी बनाए गए हैं. इस गांव में हाथियों के लिए हॉस्पिटल भी है.
'हाथी गांव' में हाथियों के लिए सिर्फ अपार्टमेंट ही नहीं, बल्कि तालाब, मिट्टी के स्नानघर और स्वीमिंग पूल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. इस गांव के लोग पूरी तरह से हाथियों की सेवा के प्रति समर्पित हैं.
2006 में हाथी गांव का प्लान बनाते हुए सरकार ने हाथियों के लिए रीड बेड मॉडल को अपनाया, जिसमें हाथियों को एक खास मैदान मुहैया करवाया गया. यह तालाब के बीच बनी एक समतल जमीन होती है. इससे हाथियों को नहाने और टहलने के लिए गांव से बाहर जाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है और उनकी देखरेख अच्छे से हो पाती है. इन सभी में हाथी गांव का सपना 2010 में साकार हो गया.