क्या होता है Safe Mode? जानिए स्मार्टफोन में कब करना चाहिए इस फीचर का इस्तेमाल
Safe Mode दरअसल एंड्रॉयड का एक खास बूट मोड होता है जिसमें फोन केवल जरूरी सिस्टम ऐप्स के साथ ही स्टार्ट होता है. इस मोड में यूजर द्वारा डाउनलोड किए गए सभी थर्ड पार्टी ऐप्स अस्थायी रूप से बंद हो जाते हैं. इसका मकसद फोन को एक सुरक्षित और साफ सॉफ्टवेयर माहौल में चलाना होता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि समस्या सिस्टम की वजह से है या किसी ऐप के कारण. अगर फोन Safe Mode में बिल्कुल ठीक काम करता है तो यह साफ संकेत होता है कि दिक्कत किसी थर्ड पार्टी ऐप में छिपी हुई है.
जब भी आपका फोन अचानक बहुत स्लो हो जाए, स्क्रीन बार-बार फ्रीज होने लगे, ऐप्स खुद-ब-खुद बंद हों या नया ऐप इंस्टॉल करने के बाद फोन अजीब व्यवहार करने लगे तब Safe Mode का इस्तेमाल करना समझदारी भरा कदम होता है.
कई बार बैटरी भी बिना किसी वजह के तेजी से खत्म होने लगती है जिसका कारण बैकग्राउंड में चल रहा कोई ऐप हो सकता है. ऐसे हालात में Safe Mode आपको असली वजह समझने में मदद करता है.
Safe Mode में फोन सीमित सुविधाओं के साथ काम करता है. इसमें कॉल करना, मैसेज भेजना, सेटिंग्स का इस्तेमाल और जरूरी सिस्टम ऐप्स ही एक्टिव रहते हैं. सोशल मीडिया, गेम्स और बाकी डाउनलोड किए गए ऐप्स अपने आप बंद रहते हैं. इसी वजह से फोन का परफॉर्मेंस ज्यादा स्थिर रहता है और यह समझना आसान हो जाता है कि आखिर गड़बड़ी कहां से शुरू हुई.
Safe Mode का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके जरिए आप बिना फैक्ट्री रीसेट किए ही फोन की समस्या का हल ढूंढ सकते हैं. अगर Safe Mode में फोन सही चलता है तो आप एक-एक करके संदिग्ध ऐप्स को हटाकर देख सकते हैं. इससे आपका डेटा भी सुरक्षित रहता है और फोन को दोबारा नॉर्मल मोड में लाने में आसानी होती है. यही कारण है कि Safe Mode को एंड्रॉयड यूजर्स के लिए एक भरोसेमंद और काम का ट्रबलशूटिंग टूल माना जाता है.