इस देश की सेना ने अचानक लगाया Android पर पूरा बैन! अब हर सैनिक को मिलेगा सिर्फ iPhone, कारण जानकर दिमाग घूम जाएगा
पिछले महीनों में सैनिकों को फर्जी प्रोफाइल और सोशल इंजीनियरिंग के जरिए टारगेट किए जाने के मामले लगातार बढ़े हैं जिसकी वजह से संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ गया था. इसी जोखिम को खत्म करने के लिए सेना ने अपने अधिकारियों को ज्यादा सुरक्षित प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर दिया है.
आर्मी रेडियो और Jerusalem Post की रिपोर्ट के अनुसार, अब आधिकारिक बातचीत, दस्तावेज़ या किसी गोपनीय जानकारी के आदान–प्रदान के लिए सिर्फ iPhone का ही इस्तेमाल होगा. सेना ने कहा है कि Android सिस्टम ओपन-सोर्स होने के कारण कई कंपिनयों द्वारा बनाया जाता है और उसमें थर्ड-पार्टी ऐप्स आसानी से इंस्टॉल किए जा सकते हैं.
इस खुली संरचना के कारण साइबर घुसपैठ का खतरा और भी बढ़ जाता है. इसके उलट iPhone का इकोसिस्टम काफ़ी कंट्रोल्ड और क्लोज्ड है, जहां सुरक्षा लेयर मजबूत होती है और बाहरी दखल की संभावना बहुत कम रहती है. यही वजह है कि IDF को Apple का प्लेटफॉर्म अधिक भरोसेमंद लगा.
दिलचस्प बात यह है कि कुछ समय पहले गूगल ने दावा किया था कि Pixel फोन सुरक्षा के मामले में iPhone से आगे है और उसे अमेरिकी रक्षा विभाग की DoDIN मंज़ूरी भी हासिल हुई है. इसके बावजूद IDF ने जांच के बाद Pixel को पर्याप्त सुरक्षित नहीं माना और iPhone को ही अपने अधिकारियों के लिए बेहतर विकल्प समझा. इससे साफ़ हो गया कि ऊंचे स्तर की सैन्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में Apple का सिस्टम IDF का भरोसा जीतने में सफल रहा है.
इस फैसले से पहले सेना ने अपने अधिकारियों को कई बार साइबर हमलों, सोशल इंजीनियरिंग और हनी ट्रैप तकनीकों से बचने की ट्रेनिंग भी दी थी. हिज़्बुल्लाह और अन्य विरोधी संगठनों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों का अभ्यास कराकर अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई थी.
नए प्रोटोकॉल के तहत अधिकारी निजी उपयोग के लिए Android रख सकते हैं लेकिन किसी भी आधिकारिक बातचीत, गोपनीय मीटिंग या लोकेशन सम्बंधित जानकारी के आदान–प्रदान के लिए केवल iPhone ही इस्तेमाल किया जाएगा. अब से सेना द्वारा जारी किए जाने वाले सभी फॉर्मल फोन भी सिर्फ iPhone ही होंगे.