SIM Swap Fraud: एक चूक और नंबर से हाथ धो बैठेंगे, जानिए कैसे करें बचाव
जब कोई यूजर नया फोन या सिम लेकर अपने पुराने नंबर को उसमें ट्रांसफर करवाता है तो यह प्रोसेस मोबाइल नेटवर्क कंपनी के जरिए होती है. इसी प्रक्रिया का फायदा उठाकर साइबर ठग यूजर की व्यक्तिगत जानकारी (जैसे मां का नाम, स्कूल, पालतू जानवर का नाम आदि) जुटाकर खुद को असली यूजर दिखाते हैं और आपके मोबाइल नंबर को अपने सिम कार्ड पर ट्रांसफर करवा लेते हैं.
जब ठग आपके मोबाइल नंबर को अपने कब्जे में ले लेते हैं तो वे आपके नाम से कॉल, मैसेज और यहां तक कि बैंक, ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स में लॉगिन कर सकते हैं. चूंकि इन अकाउंट्स में 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) के लिए OTP मोबाइल पर आता है, और अब नंबर उनके पास होता है, इसलिए वे आसानी से आपके डिजिटल डेटा तक पहुंच सकते हैं.
2024 में SIM स्वैप अटैक के मामलों में 1,055% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह फ्रॉड काफी जटिल होता है लेकिन हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाने में बेहद कारगर है. ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी भी इसका शिकार बन चुके हैं.
सोशल मीडिया पर निजी जानकारियां साझा करने से बचें. अपनी जन्मतिथि, माता-पिता के नाम, स्कूल या पालतू जानवर जैसी डिटेल्स ऑनलाइन शेयर न करें. ये जानकारियां साइबर ठगों के लिए मददगार हो सकती हैं. OTP के लिए मोबाइल की जगह ऑथेंटिकेटर ऐप्स का प्रयोग करें.
Google Authenticator या Microsoft Authenticator जैसे ऐप्स ज्यादा सुरक्षित होते हैं. Passkey और बायोमेट्रिक सुरक्षा अपनाएं. अपने फोन में फिंगरप्रिंट, फेस लॉक या मजबूत पासवर्ड से सुरक्षा बढ़ाएं. अगर अचानक सिग्नल चला जाए तो सतर्क हो जाएं
अगर मोबाइल नेटवर्क बंद हो जाए या बिना कारण OTP आना बंद हो जाए, तो यह SIM स्वैप का संकेत हो सकता है. तुरंत मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें. SIM स्वैप फ्रॉड एक खतरनाक साइबर हमला है जो आपकी डिजिटल दुनिया को तहस-नहस कर सकता है.