2026 में रोबोट्स मचाएंगे तहलका! होंगे चौंकाने वाले चमत्कार, लेकिन सामने हैं ये बड़ी मुश्किलें
सबसे बड़ा सवाल इंसानों की सुरक्षा को लेकर है. मौजूदा समय में ह्यूमनॉइड रोबोट कई काम खुद करने में सक्षम हैं लेकिन उन्हें अब भी इंसानों से दूरी बनाकर रखा जाता है. गोदामों और फैक्ट्रियों में ये रोबोट दीवारों या बैरिकेड्स के पीछे काम करते हैं ताकि किसी तरह की दुर्घटना न हो. वजह साफ है अगर किसी तकनीकी गलती या सॉफ्टवेयर गड़बड़ी की वजह से रोबोट किसी इंसान को नुकसान पहुंचा दे तो नतीजे बेहद गंभीर हो सकते हैं.
कंपनियां ऐसी तकनीक विकसित करने में जुटी हैं जिससे रोबोट इंसानों को पहचान सकें और उनके आसपास सुरक्षित तरीके से काम कर सकें. लेकिन यह तकनीक अभी पूरी तरह भरोसेमंद नहीं मानी जा सकती. जब तक सुरक्षा से जुड़ी इन चिंताओं का ठोस समाधान नहीं निकलता, तब तक इंसानों और रोबोट्स का साथ काम करना एक जोखिम भरा कदम रहेगा.
सुरक्षा के बाद दूसरी बड़ी चिंता निजता से जुड़ी है, खासकर तब जब रोबोट घरों में इस्तेमाल होने लगेंगे. घर एक निजी जगह होती है, जहां बच्चे, पालतू जानवर और कीमती सामान मौजूद रहते हैं. ऐसे में कैमरे और माइक्रोफोन से लैस रोबोट का हर वक्त घर में घूमना कई लोगों को असहज कर सकता है. चूंकि ये रोबोट इंटरनेट से जुड़े होते हैं, इसलिए डेटा लीक और हैकिंग का खतरा भी बना रहता है.
इंसान जैसे दिखने वाले रोबोट्स को लेकर लोगों के मन में यह डर भी रहता है कि कहीं वे निगरानी का जरिया न बन जाएं. कुछ कंपनियां यह भरोसा दिला रही हैं कि यूज़र चाहें तो घर के कुछ हिस्सों में रोबोट की एंट्री बंद कर सकते हैं या डेटा शेयरिंग को सीमित कर सकते हैं. इसके बावजूद, आम लोग इन्हें अपने निजी जीवन का हिस्सा बनाने के लिए कितने तैयार होंगे, यह अभी एक बड़ा सवाल है.
इन रोबोट्स की कीमत भी एक बड़ी रुकावट बनकर सामने आ रही है. शुरुआती दौर में ह्यूमनॉइड रोबोट्स की कीमत इतनी ज्यादा है कि आम परिवार इनके बारे में सोच भी नहीं सकता. कंपनियां भले ही कह रही हों कि समय के साथ दाम कम होंगे, लेकिन 2026 में ये तकनीक अमीर वर्ग तक ही सीमित रहने की पूरी संभावना है. अगर रोबोट्स सिर्फ चुनिंदा लोगों के घरों या बड़ी कंपनियों तक सिमट कर रह गए तो इसका फायदा समाज के हर तबके तक नहीं पहुंच पाएगा. इससे तकनीक और आम लोगों के बीच की दूरी और बढ़ सकती है.
सबसे गंभीर चिंता नौकरियों को लेकर है. ह्यूमनॉइड रोबोट्स को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि वे इंसानों जैसे काम कर सकें. कंपनियों का कहना है कि ये रोबोट वही काम करेंगे जिन्हें लोग करना नहीं चाहते, जैसे भारी सामान उठाना या थकाऊ घरेलू काम. लेकिन सच्चाई यह है कि यही काम कई लोगों की रोजी-रोटी का जरिया भी हैं.
अगर रोबोट्स ने बड़ी संख्या में ये जिम्मेदारियां संभाल लीं, तो बेरोजगारी का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में सरकारों और समाज को यह सोचना होगा कि जिन लोगों की नौकरियां प्रभावित होंगी, उन्हें नई स्किल्स कैसे सिखाई जाएं और नए अवसर कैसे पैदा किए जाएं.
2026 तकनीक के लिहाज से चमत्कारों से भरा साल साबित हो सकता है. रोबोट्स जीवन को आसान बनाने की पूरी क्षमता रखते हैं, लेकिन उनके साथ जुड़ी सुरक्षा, निजता, कीमत और रोजगार जैसी समस्याओं का समाधान करना उतना ही जरूरी है. जब तक इन सवालों के जवाब नहीं मिलते, तब तक यह तय करना मुश्किल है कि रोबोट्स भविष्य के दोस्त बनेंगे या एक नई चुनौती.