फोन खरीदते समय ये एक चीज चेक करना भूल गए तो हो जाएगी जेल! जानिए क्या है KYM जिससे बढ़ सकती है आपकी मुसीबत
KYM का उद्देश्य बेहद साफ है यूजर्स को यह भरोसा देना कि वे किसी फर्जी या चोरी किए गए फोन का शिकार न बनें. यह टूल IMEI नंबर के आधार पर बता देता है कि फोन ब्लैकलिस्ट है, रिपोर्टेड है, चोरी का है या उसमें छेड़छाड़ की गई है. आजकल बाजार में ऐसे फोन बड़ी आसानी से मिल जाते हैं जिनके IMEI नंबर बदले गए होते हैं जिससे सुरक्षा संबंधी खतरे बढ़ जाते हैं. KYM इसी तरह के जोखिमों को खत्म करने और सुरक्षित खरीदारी को बढ़ावा देने का काम करता है.
सरकार ने मोबाइल की पहचान से छेड़छाड़ पर सख्त कदम उठाए हैं. अगर कोई व्यक्ति या कंपनी फोन के IMEI में बदलाव करते पकड़ा जाता है, तो उस पर 3 साल तक की जेल और 50 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना लग सकता है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह अपराध गैर-जमानती है यानी इसमें जमानत मिलना भी मुश्किल हो सकता है.
फोन की जांच करना बेहद आसान है. आपको बस अपने फोन से KYM लिखकर 14422 पर मैसेज भेजना होता है. जवाब में तुरंत आपके फोन का ब्रांड, मॉडल और उसकी जेन्युइन स्थिति की जानकारी मिल जाती है. यदि आपको IMEI नहीं पता तो *#06# डायल करते ही यह नंबर स्क्रीन पर दिखाई दे जाता है.
सरकार ने यह सुविधा वेबसाइट और ऐप दोनों रूप में उपलब्ध करवाई है. आप चाहे तो sancharsaathi पोर्टल पर ‘Know Your Mobile’ विकल्प में IMEI दर्ज कर पूरी रिपोर्ट देख सकते हैं या फिर ऐप डाउनलोड करके भी वही जांच कर सकते हैं.
KYM कई तरीकों से फर्जी फोन से बचने में मदद करता है यह चोरी के मोबाइल्स को पहचानने में आसानी देता है, क्लोन IMEI वाले खतरनाक डिवाइस को मार्केट में आने से रोकता है और उपभोक्ता को भरोसा दिलाता है कि वह असली फोन खरीद रहा है. IMEI नंबर किसी फोन की यूनिक पहचान होती है जिसे आधार नंबर की तरह समझा जा सकता है. इसी नंबर की मदद से KYM आपके फोन की असली स्थिति उजागर करता है.
इस हिसाब से KYM एक ऐसा टूल है जो न सिर्फ आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि आपको भारी नुकसान और कानूनी मुश्किलों से भी बचाता है. इसलिए कभी भी बिना KYM चेक किए फोन खरीदने की गलती न करें.