SMS भेजकर खुद को खतरे में मत डालें! FBI ने बताया क्योंल WhatsApp मैसेज है कई गुना ज्यादा सुरक्षित
अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी एजेंसी CISA भी पहले यह सलाह दे चुकी है कि यूजर्स को ऐसे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना चाहिए जो पूरी तरह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्रदान करते हों. इसका मतलब है कि आपकी चैट सिर्फ आपके और रिसीवर के बीच सुरक्षित रहती है, बीच में कोई तीसरा व्यक्ति इसे पढ़ नहीं सकता. लेकिन पारंपरिक SMS में यह सुरक्षा मौजूद नहीं होती जिससे इसे इंटरसेप्ट करना आसान हो जाता है.
यूरोप में लागू नए नियमों ने भी चिंता बढ़ा दी है. इन कानूनों के तहत कंपनियों को गैर-एन्क्रिप्टेड मैसेज की स्कैनिंग करनी पड़ सकती है ताकि किसी भी अवैध गतिविधि या कंटेंट का पता लगाया जा सके. इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन जैसी संस्थाएं इसे लोगों की प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा बता रही हैं क्योंकि बड़े पैमाने पर निजी संदेशों को स्कैन किए जाने की आशंका है.
यही कारण है कि साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ WhatsApp और Signal जैसे ऐप्स के इस्तेमाल की सिफारिश करते हैं. ये प्लेटफ़ॉर्म न केवल एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन उपलब्ध कराते हैं, बल्कि क्रॉस-प्लेटफॉर्म मैसेजिंग को भी सुरक्षित रखते हैं. इसके उलट साधारण SMS और कई RCS आधारित सेवाएं अभी भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं मानी जातीं.
खासकर तब, जब Apple जैसी कंपनियों ने नए RCS प्रोटोकॉल को पूरी तरह अपनाया भी नहीं है जिसकी वजह से अलग-अलग प्लेटफॉर्म के बीच भेजे जाने वाले मैसेज पहले जितने सुरक्षित नहीं होते.
FBI पहले भी चेतावनी दे चुकी है कि पारंपरिक टेक्स्टिंग से साइबर अपराधियों को मौका मिलता है कि वे मैसेज को ट्रैक या इंटरसेप्ट कर सकें. यही वजह है कि सुरक्षा एजेंसियां लोगों को धीरे-धीरे SMS छोड़कर सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स की ओर जाने की सलाह दे रही हैं. मौजूदा डिजिटल माहौल में यह बदलाव न सिर्फ जरूरी है बल्कि आपकी निजी जानकारी को बचाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण भी.