Love At First Sight: किसी को देखते ही कैसे हो जाता है इश्क, शरीर के अंदर ऐसा क्या होता है?
पहली नजर का पल दिमाग के रिवॉर्ड सिस्टम को एकदम से एक्टिवेट कर देता है. डोपामाइन सिस्टम में भर जाता है और यही वजह है कि काफी ज्यादा खुशी और नजदीकी पाने की प्रेरणा मिलती है. ऑक्सीटोसिन गर्माहट और भरोसे का एहसास जोड़ता है. वहीं सेरोटोनिन का लेवल कम हो जाता है.
डोपामाइन उस जोश के लिए जिम्मेदार है जो लोग अक्सर महसूस करते हैं. अचानक से ऊर्जा का विस्फोट, आकर्षण का एहसास और उस व्यक्ति के बारे में और जानने की इच्छा.
आकर्षण के शुरुआती पलों में भी ऑक्सीटोसिन इमोशनल बॉन्डिंग को बनाना शुरू कर देता है. वैसे तो यह आमतौर पर लंबे समय के स्नेह से जुड़ा होता है लेकिन इसके जल्दी रिलीज होने की वजह से कोई व्यक्ति सुरक्षित और आरामदायक महसूस कर सकता है. या फिर जिस व्यक्ति को उसने अभी देखा है उसकी तरफ अजीब तरह से आकर्षित हो सकता है.
आकर्षण के शुरुआती चरण में सेरोटोनिन कल लेवल कम हो जाता है जिस वजह से हल्का जुनून हो जाता है. इसके बाद व्यक्ति का मन बार-बार उसी इंसान के बारे में सोचता रहता है. यह बताता है कि लोग उन पहले पलों को क्यों दोहराते हैं या फिर जिस व्यक्ति से वह अभी मिले हैं उसके बारे में सोचना क्यों नहीं बंद कर पाते.
शरीर एड्रेनालाईन और नॉरएड्रेनालाईन रिलीज करके आकर्षण पर प्रतिक्रिया करता है. इसके बाद दिल की धड़कनें तेज होना, हथेली में पसीना आना, हल्का कांपना और सतर्कता बढ़ानी शुरू हो जाती है.
सबसे ज्यादा बताने वाली बायोलॉजिकल प्रतिक्रियाओं में से एक है पुतलियों का फैलना. जब भी कोई किसी ऐसे व्यक्ति को देखता है जो उसे आकर्षक लगता है तो उसकी पुतलियां अपने आप फैल जाती हैं.