काशी विश्वनाथ धाम में रंगभरी एकादशी की धूम, बाबा विश्वनाथ को भक्तों ने अबीर-गुलाल से किया सराबोर
इस साल 14 मार्च को देशभर में रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया जाएगा. बाजारों में रौनक बढ़ गई है, गुलाल, रंग, पिचकारी और मिठाइयों की खरीदारी जोरों पर है. वाराणसी में भी होली को लेकर हर्षोल्लास है.
इसी क्रम में 10 मार्च को वाराणसी में धूमधाम से रंगभरी एकादशी का पर्व मनाया गया. इस मौके पर काशी विश्वनाथ धाम परिसर में रजत पालकी पर सवार होकर बाबा विश्वनाथ मां गौरा को लेकर गर्भगृह से निकले.
बाबा विश्वनाथ मां गौरा को लेकर जैसे ही निकले, श्रद्धालुओं की तरफ से उन पर अबीर और गुलाल चढ़ाए गए. इस दौरान भगवान शंकर से जुड़े भक्ति गानों पर श्रद्धालु जमकर थिरकते भी नजर आए.
परिसर में एक अलग ही हर्ष और उल्लास का माहौल नजर आया. शाम 4 बजे जैसे ही बाबा की पालकी मंदिर के गर्भ गृह की तरफ बढ़ रही थी, लोगों का उत्साह भी बढ़ता जा रहा था.
सभी लोग बाबा के पालकी को स्पर्श करना चाहते थे. मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन से ही बाबा विश्वनाथ और उनके परिवार संग होली खेलकर वाराणसी में रंग उत्सव की शुरुआत हो जाती है.
मान्यता के अनुसार, इस दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती का गौना कराकर काशी लौटते हैं और भक्त उनके साथ होली खेलते हैं. सोमवार को मंदिर परिसर और गलियों में अबीर-गुलाल उड़ता नजर आया.
श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव के जयकारों के बीच बाबा को गुलाल अर्पित किया. काशी में रंगभरी एकादशी से ही होली का उल्लास शुरू हो जाता है. इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों भक्तों ने भाग लिया.
बता दें, पूरे देश में 14 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा. वाराणसी की होली पूरे विश्व में खास मानी जाती है. वाराणसी की होली में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां का रुख करते हैं. इस बार रंगभरी एकादशी से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आ रही है.