Uttarkashi Tunnel Collapse: टनल में फंसी 40 जिंदगियां, पाइप से पहुंचाया खाना और ऑक्सीजन, देखें रेस्क्यू की तस्वीरें
उत्तरकाशी में रविवार को दिवाली के दिन ये बड़ा हादसा हुआ था. जब टनल के अंदर अचानक मलबा आने से मजदूर अंदर ही फंस गए थे. कल सुबह से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन टनल अभी तक नहीं खुल पाया है.
वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए ड्रिल करके एक पाइप अंदर पहुंचाया गया है जिससे मजदूरों तक ऑक्सीजन और खाना पहुंचाया जा रहा है. इस हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर चल रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली.
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि पीएम ने फोन के माध्यम से उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल निर्माण के समय मलबा आने की वजह से टनल में फंसे श्रमिकों की स्थिति, राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली है. पीएम ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिलक्यारा सुरंग में हुए भूमि धंसाव का स्थलीय निरीक्षण करने और कल से चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करने सिलक्यारा पहुंचे हैं.
मजदूरों को निकालने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन फोर्स और नेशनल डिजास्टर फोर्स भी मौजूद है. साथ ही जिला प्रशासन भी मौके पर लगा हुआ है. कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द इन मजदूरों को बाहर निकाला जाए.
पूरी घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नजर बनाए हुए हैं. पुष्कर सिंह धामी के द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द मलबा हटाया जाए. इसके लिए उन्नत तकनीक की मशीन भी भेजी गई हैं ताकि मलबे को हटाते समय कोई हादसा न हो.
उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने बताया कि सुरंग के अंदर 40 लोग फंसे हुए हैं. सभी सुरक्षित हैं, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया. हम सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं और लगभग 35 मीटर अभी भी तय करना बाकी है. हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बगल में अपना रास्ता बना रहे हैं.
इससे पहले भी उत्तराखंड में एक ऐसा हादसा हो चुका है. जब टनल में 20 से 25 लोगों के फंसने के बाद उनकी मौत हो गई थी. जिनमें से कई लोगों के शव बरामद नहीं हो पाए थे. यही वजह है कि जिला प्रशासन और शासन इस पूरी घटना पर बारीकी से नजर बनाए हुए है.
प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए, लेकिन एक सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर ऐसी कौन सी वजह आन पड़ी थी कि त्योहार के दिन भी मजदूरों से इस इलाके में काम कराया जा रहा था और जब टनल का हिस्सा बार-बार गिर रहा है तो एक बार पूरी टनल का निरीक्षण कर जांच क्यों नहीं की जा रही है. लोगों की जान से क्यों खेला जा रहा है.