UP News: वाराणसी में निभाई गई सैकड़ों साल पुरानी सिंदूर खेला की परंपरा, पति की लंबी उम्र के लिए रस्म
शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि के बाद देशभर में दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन का दौर शुरू हो गया है.
विजयादशमी के पावन पर्व पर देशभर में विभिन्न जगह से दुर्गा प्रतिमाएं विसर्जन की जा रही हैं.
शारदीय नवरात्र में पूजा पंडालों में दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने का प्रचलन सबसे पहले बंगाल से शुरू हुआ था. वहीं विजयदशमी को दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होता है.
इस दौरान 400 वर्ष से भी अधिक समय से चली आ रही इस परंपरा के अनुसार महिलाओं द्वारा सिंदूर खेला का रस्म निभाया जाता है.
मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन से पूर्व महिलाएं प्रतिमा को सिंदूर अर्पित करती हैं और चढ़ाए गए उस सिंदूर को एक दूसरे को भी लगाती हैं.
मान्यता है कि इससे उन्हें अखंड सौभाग्यवती और पति के लंबी उम्र होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
इसी कड़ी में वाराणसी के सोनारपुर स्थित पूजा पंडालो में सिंदूर खेला की परंपरा निभाई गई.
इस दौरान वाराणसी में बंगाल की परंपरा के अनुसार सिंदूर खेला रस्म में महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में नजर आई.
इस मौके पर महिलाओं ने एक दूसरे को भी सिंदूर लगाया और माता रानी से परिवार के मंगलकामना की प्रार्थना की.