Lal Bahadur Shastri Jayanti 2023: वाराणसी के इस घर से जुड़ी हैं लाल बहादुर शास्त्री की यादें, देखिए तस्वीरें
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सादगी और ईमानदारी की मिसाल दुनिया भर में दी जाती है. उन्होंने सीमित कार्यकाल में मजबूत निर्णय से कुशल नेतृत्व का परिचय दिया.
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View In Appदेश को अनाज संकट से उबारने में लाल बहादुर शास्त्री के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने 'जय जवान जय किसान' का नारा देकर देश को अकाल से बचाया.
लाल बहादुर शास्त्री का पूरा जीवन देश को समर्पित था. प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए भी उन्होंने सादगी और सरलता का दामन नहीं छोड़ा.
सत्ता सुख के आगे उन्होंने ईमानदारी और मानवीय गुणों को प्राथमिकता दी. प्रधानमंत्री का पद संभालने के मात्र सात महीनों में उनके सामने दोहरी चुनौती मुंह बाए खड़ी थी.
घरेलू मोर्चे की दुश्वारियों का मुकाबला उन्होंने मजबूती से किया. 1965 की जंग में भी लाल बहादुर शास्त्री की रणनीति से पाकिस्तान को तगड़ा जवाब मिला.
वाराणसी में रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय के संरक्षक महेंद्र नारायण हैं. महेंद्र नारायण बताते हैं कि शास्त्री का पूरा जीवन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का पात्र है.
पैतृक आवास की ईंट और मिट्टी में शास्त्री की ईमानदारी को देखा जा सकता है. शास्त्री के आवास को संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है.
संग्रहालय आनेवाले लोग लाल बहादुर शास्त्री के जीवन की यादों को बड़ी उत्सकुता से जानना चाहते हैं. महेंद्र नारायण बताते हैं कि लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री पद पर रहते बैंक से 5000 रुपये लोन लेकर एक कार खरीदी थी.
हालांकि उनको बिना लोन के भी सरकारी खर्च से बढ़िया कार मिल सकती थी. दुर्भाग्यवश 11 जनवरी 1966 को शास्त्री का देहांत हो गया.
निधन के बाद उनकी पत्नी ललिता देवी ने बैंक का एक-एक रुपया फैमिली पेंशन की मदद से चुकाया.
आज हमारे समाज को ऐसे कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार और सादगी से भरे व्यक्तित्व वाले जनप्रतिनिधियों की ज्यादा आवश्यकता है.
महेंद्र नारायण ने पीएम मोदी का भी आभार जताया. उनके दिशानिर्देश पर लाल बहादुर शास्त्री के पैतृक आवास को संग्रहालय का रूप दिया गया है.
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