Hidimba Devi Temple History: जहां राक्षस को युद्ध में परास्त कर भीम ने रचाया था विवाह, हिमाचल प्रदेश के इस मंदिर की अनोखी कहानी जानिए
Hidimba Devi Temple: भारत का इतिहास ना सिर्फ बेहद समृद्ध है बल्कि संस्कृति और इसके महत्व से जुड़े स्थल आज भी उस भव्य युग की गवाही देते हैं. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सिर्फ अपनी प्राकृतिक खूबसूरती ही नहीं ब्लकि पौराणिक चीजों और मंदिरों के लिए भी जाना जाता है. ऐसे ही एक मंदिर के बारे में आज आपको बताएंगे जो महाभारतकालीन माना जाता है. ये मंदिर पांडवों में से एक और महाबलशाली माने जाने वाले भीम की पत्नी हिडिंबा देवी को समर्पित है. मनाली में स्थित ये मंदिर देश के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक माना जाता है. यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु भी पहुंचते हैं.
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View In Appहिमालय की वादियों में बसे डुंगरी शहर में देवदार के विशाल पेड़ों के बीच बने इस मंदिर की छठा भव्य है. पौराणिक मान्यता के मुताबिक जब पांडव मनाली से आगे बढ़ रहे थे तो उन्होंने हिडिंबा को इस इलाके की देखभाल की जिम्मेदारी दे दी थी.
इसके अलावा कहा जाता है कि जब उनका बेटा घटोत्कच बड़ा हो गया तो हिडिंबा उन्हें राज्य की जिम्मेदारी सौंपकर ध्यान और तपस्या के लिए जंगल की ओर चली गईं. कई साल तपस्या के बाद हिडिंबा को देवी का गौरव हासिल हुआ.
जिस स्थान पर हिडिंबा ने तपस्या की थी उस जगह पर बाद में महाराजा बहादुर सिंह ने उनके मंदिर का निर्माण कराया था. पांडवों में दूसरे भाई भीम थे और उनकी पत्नी हिडिंबा थीं.
कहा जाता है कि मूल से हिडिंबा राक्षस प्रजाति से थीं और अपने भाई हिडिंब के साथ यहां रहती थीं. हिडिंबा ने कसम खाई थी कि जो भी उनके भाई को युद्ध में हराएगा वो उससे ही शादी करेंगी.
पांडव जब वनवास काट कर रहे थे तो वो यहां से गुजरे. इसी दौरान हिडिंब और भीम के बीच युद्ध हुआ और भीम ने उसे परास्त कर दिया. जिसके बाद हिडिंबा ने भीम से विवाह कर लिया था.
हिडिंबा का मंदिर देखने में बेहद खूबसूरत है और इसका निर्माण पैगोडा शैली में किया गया है. लकड़ी के दरवाजों और फूल पत्तियों की नक्काशी इसे और ज्यादा खूबसूरत बना देती है.
हर साल सावन के महीने में यहां विशाल महोत्सव का आयोजन होता है. मंदिर का निर्माण कराने वाले महाराजा बहादुर सिंह की याद में ये उत्सव मनाया जाता है. मान्यता है कि ये मंदिर 500 साल से भी ज्यादा प्राचीन है.
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