Jaipur Jaigarh Fort: जयपुर के इस किले में खजाना ढूंढने के लिए इंदिरा गांधी ने भेजी दी थी सेना, जानिए रोचक किस्सा
Jaigarh Fort History: जयपुर (Jaipur) का जयगढ़ किला (Jaigarh Fort) अपनी खूबसूरत और अद्भुत बनावट के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. लेकिन इसके अलावा ये किला इसमें गढ़े खजाने की खुदाई के लिए भी चर्चा में रहा है. दरअसल इंदिरा गांधी ने इस किले में खजाना ढूंढन के लिए सेना को भेजा था. जिसके बाद खजाना ढूंढने का काम करीब-करीब एक महीने तक चला, लेकिन फिर सरकार इस काम में सफल नहीं हो पाई. चलिए बताते हैं आपको किले से जुड़ी कुछ और खास बातें.....
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View In Appजयपुर के इस भव्य किले का विधिवत निर्माण कार्य राजा मान सिंह प्रथम ने 1600 ईस्वी में करवाया. लेकिन अठारहवीं शताब्दी में सवाई जयसिंह ने इस किले को पूरा करवाया. जिसके बाद इसका नाम जयगढ़ पड़ा.
जानकारी के अनुसार राजा मान सिंह प्रथम ने अपनी बाईस छोटी रियासतों से जो पूंजी-सम्पत्ति इकट्ठी की थी. इस संपत्ति को अकबर से सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने इस जगह को ही चुना था.
वहीं खजाने को सुरक्षित रखने के लिए राजा ने नांगल गांव के सांधता मीणा की मदद ली और उसे ही देखरेख के लिए नियुक्त भी किया. वहीं इस खजाने को लेकर ये भी सुनने में आया है कि, जय सिंह ने इसका इस्तमाल जयपुर शहर को बसाने में किया था. बता दें कि जिस जगह ये धन गाड़ा गया था वो जगह आज चील का टीला नाम से जानी जाती है.
इस किले की एक खास बात ये भी है कि, जब 18वीं सदी के दौरान देश में कहीं भी गन बनाने का कारखाना नहीं मिलता था, तो सिर्फ जयपुर के जयगढ़ किले में ही तोपें गेहूं का भूसा और मिट्टी मिलाकर मोल्ड करके बनाई गईं. इसके सबूत आज भी वहां पाए जाते हैं.
इतिहासकार बताते हैं कि अकबर के दरबार में सेनापति जयपुर के राजा मानसिंह (प्रथम) ने मुगल शहंशाह के आदेश पर अफगानिस्तान पर हमला किया था. उसी अफगानिस्तान पर, जहां अब तालिबान ने कब्जा कर रखा है. तब उस इलाके को जीतने के बाद राजा मानसिंह को काफी धन-दौलत मिली. उन्होंने इसे दिल्ली दरबार में सौंपने की बजाय अपने पास ही रख लिया. जयगढ़ किले के निर्माण के बाद कहा जाने लगा कि इसमें पानी के संरक्षण के लिए बनी विशालकाय टंकियों में सोना-चांदी और हीरे-जवाहरात छिपाकर रखे गए हैं.
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