किसी अजूबे से कम नहीं है जम्मू कश्मीर में चिनाब नदी का पुल, तस्वीरों में नीचे बादल और ऊपर पुल देखकर हो जाएंगे रोमांचित
जम्मू कश्मीर में रियासी जिले के अंदर चिनाब नदी पर बना सबसे ऊंचा पुल किसी अजूबे से कम नहीं है. 18 साल की मेहनत के बाद यह प्रोजेक्ट अंतिम चरणों में है. श्रीनगर को देश से जोड़ने वाला यह पुल कई मायनों में कई खासियतें रखता है. नीचे बादल और ऊपर पुल देखकर आप घर बैठे-बैठे ही रोमांचित हो उठेंगे.
चिनाब नदी पर बना पुल बनाना रेलवे के लिए कोई आसान काम नहीं था. क्योंकि यहां का माहौल कर्मचारी और इंजीनियरों के लिए चुनौती भरा रहा है. यहा तक पहुंचने के लिए पहले कोई साधन नहीं था. सिर्फ हेलीकॉप्टर के सहारे ही लोकेशन पर पहुंच सकते थे. 111 किमी की नई रेलवे लाइन डालने के लिए पहले रेलवे ने 205 किलोमीटर की अप्रोच सड़क तैयार की. चिनाब पुल के क्षेत्र में पहुंचने के लिए 26 किलोमीटर की लाइन डाली गई. रास्ते में कई ब्रिज और टनल बनाने पड़े. तब कहीं जाकर चिनाब ब्रिज का काम शुरू हो सका था.
चिनाब नदी के पुल ने कौड़ी और वक्कल को आपस में जोड़ दिया है. अगर इसकी ऊंचाई की बात करें तो यह चिनाब नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई है. जो दिल्ली के कुतुब मीनार से पांच गुना ज्यादा ऊंचा है. फ्रांस के आईफिल टॉवर से 35 मीटर अधिक ऊंचा है. इस रेलवे लाइन पर दिसंबर 2022 तक प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य रका गया है.
शुरुआत में इस पुल की लागत साढ़े 500 करोड़ आंकी गई थी. जबकि अब तक इस पुल को बनाने में 1100 करोड़ से अधिक का खर्चा हो गया है. आसपास के पहाड़ों की बात करें तो मौसम सबसे बड़ी चुनौती है. क्योंकि पुल के आसपास 100 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की हवाएं चलती हैं. इसीलिए इस पुल इतना मजबूत बनाया गया है 260 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा से भी कोई नुकसान नहीं पहुंचे. इसकी उम्र 100 साल से ज्यादा आंकी गई है. इस पुल में किसी भी प्रकार से जंग नहीं लग सकती है.