Churu Weather News: राजस्थान के चूरू में भयंकर गर्मी, सड़क पर पापड़ सेंकते दिखे लोग, फिर जो हुआ वो...
चूरू में गर्मी का सितम जारी है यहां अधिकतम पारा 46. डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा वहीं न्यूनतम पारा 34 डिग्री मापा गया. गर्मी से हालात इस कदर बने कि सड़कों पर दिन में आग उगलने जैसी स्थिति बनी हुई है. भीषण गर्मी के कारण चूरू शहर में लाल घण्टाघर की मुख्य तपती सड़क पर जब पापड़ को रखा गया तो एक ओर से पककर तैयार हो गया गया.
गर्मी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि सड़क पर पापड़ को रखा गया तो वह एक ओर से सिक गया और दूसरी तरफ से पलटकर पापड़ को रखा तो वह खाने लायक सिककर तैयार हो गया. चूरू में गर्मी अपने शबाब पर है, पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी का दौर जारी है, हालात यह है कि सड़क तवे के समान तप रहा है.
चूरू शहर के लाल घन्टाघर के दुकानदारों ने तपती सड़क पर गर्मी को देखते हुए पापड़ को रखा कुछ ही मिनटों में पापड़ एक ओर से कुछ हल्का हल्का सिकना शुरू हो गया, जब उसे पल्टा गया तो दूसरी ओर से भी सिकाई होना शुरू जो गई जैसे हल्की आंच पर सिकाई हो रही हो और कुछ ही देर में पापड़ अधकच्चा हो कर आखिकार सिक गया.
वहीं दूसरी ओर धूप में काफी देर से खड़ी गाड़ी के बोनट पर भी पापड़ को सेकने के लिए रखा गया, बोनट पर तो पापड़ ऐसे सिकने लगा जैसे कोई तवे पर पापड़ सिक रहा हो. कुछ ही देर में पापड़ हल्का हल्का सिककर तैयार हो गया, इस नजारे को देखने के लिए आसपास के दुकानदारों की भी भीड़ लग गई.
राज्य के बाहर से आए लोगों ने इस नजारे को देखकर दांतों तले ऊंगली दबा ली. रांची से आये सत्यप्रकाश शर्मा ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में इस तरह का नजारा पहली बार देखा है और मुझे आश्चर्य है कि इस गर्मी में चूरू के लोग कैसे रहते है.
गर्मी के कारण बढ़ रहे तापमान में हीट स्ट्रोक होने का खतरा अधिक होने के चांस है. आम व्यक्ति दोपहर के समय आवश्यक कार्यों होने पर ही घर से बाहर निकल रहे है. साथ ही शरीर में पानी की मात्रा कम ना हो इस लिए पेयजल का उपयोग कर रहे है साथ ही समय-समय पर फल के जूस का सेवन करते नजर आते है.
तपती रोड पर जब चलना होता है तो सड़क पर पैर तपन बदार्शत नहीं कर पाता है. ऐसे में गर्मी के प्रकोप का आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है, कि गर्मी कितनी तेज है. आपको बता दें कि सूर्य अप्रैल से जून तक कर्क रेखा की ओर बढ़ता है. इसके कारण सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं. सीधी पड़ने वाली किरणें एकाएक कर तापमान को बढ़ाने में सहायक होती है.