नागपुर की रहने वाली दिव्या देशमुख कौन हैं? शतरंज में माहिर, दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी को दी मात
नागपुर की भारतीय शतरंज खिलाड़ी चर्चा का केंद्र बन गई हैं. लंदन में वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप के दूसरे चरण के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में होउ यिफान को हरा दिया. यिफान दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी हैं. उनकी जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी. उन्होंने कहा कि ये जीत नए चेस खिलाड़ियों को प्रेरणा देगा.
दिव्या का जन्म 5 दिसंबर 2005 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके माता-पिता डॉक्टर हैं. पिता का नाम जितेंद्र देशमुख और मां का नाम नम्रता देशमुख है.
19 साल की दिव्या को पांच साल की उम्र में ही शतरंज ने आकर्षित कर लिया. 2012 में सात साल की उम्र में उन्होंने अंडर-7 चैंपियनशिप में जीत दर्ज की.साल 2014 में डर्बन में U-10 और ब्राजील में U-12 में जीत हासिल की.
ओलंपियाड में तीन गोल्ड, कई एशियन और वर्ल्ड यूथ टाइटल अपने नाम कर चुकी हैं.
वर्ल्ड जूनियर नंबर-1 के तौर पर पहचाने जाने वालीं दिव्या 2024 में वर्ल्ड जूनियर गर्ल्स U-20 का खिताब अपने नाम किया.
शतरंज में दिव्या का खेल उनके शार्प टैक्टिकल विजन, अडिग धैर्य और रचनात्मकता के लिए जाना जाता है.
इंस्टाग्राम पर दिव्या देशमुख के एक लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.