क्या छगन भुजबल छोड़ेंगे अजित पवार का साथ? नाराज BJP नेता सुधीर मुनगंटीवार ने नितिन गडकरी से की मुलाकात
छगन भुजबल ने मंत्री नहीं बनाए जाने पर कहा कि जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना. यह कहते हुए पार्टी छोड़ने के संकेत दिए. भुजबल नागपुर छोड़कर सीधा नासिक चले गए. उन्होंने नासिक में कार्यकर्तांओ की बैठक बुलाई है. वो आगे की रणनीति तय करेंगे.
भुजबल की गिनती महाराष्ट्र में बड़े नेताओं में होती है. शिवसेना से राजनीति की शुरुआत करने वाले भुजबल शरद पवार को अपना मेंटर मानते हैं.
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि भले ही भुजबल नाराजगी दिखा रहे हैं लेकिन बहुत हद तक संभावना है कि वे राज्यसभा की सीट पर आखिर में मान जाएंगे.
भुजबल पार्टी में साइडलाइन किए जाने के बाद अजित पवार के खेमे वाली एनसीपी को छोड़ भी सकते हैं. भुजबल के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब 2019 में महाविकास आघाड़ी की सरकार बनी थी तो शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे के अलावा चार अन्य नेताओं ने शपथ ली थी, उनमें भुजबल भी शामिल थे.
बीजेपी से वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार को भी मंत्री पद नहीं मिला. जिसके बाद आज उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि उनपर किसी ने गुस्सा निकाला है. माना जा रहा है कि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा. सुधीर मुनगंटीवार भी शीतकालीन सत्र के पहले दिन से गैरमौजूद हैं.
सुधीर मुनगंटीवर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और संघ के स्वयंसेवक हैं. 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से सुधीर मुनगंटीवार लगातार मंत्री रहे. शिंदे की सरकार में भी उनके पास मंत्री पद था.
2014 के लोकसभा चुनाव में उनको हार मिली और फिर विधानसभा में जीते. सुधीर मुनगंटीवार विदर्भ के नेता हैं, जो देवेंद्र फडणवीस के विरोधी गुट के माने जाते हैं.
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नेताओं की नाराजगी पर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार हुआ पर नाराजगी की ज्यादा चर्चा हो रही है. भुजबल और जिनको मंत्री नहीं बनाया उनके बारे में मुझे दुख हो रहा है. सरकार में कुछ ठीक नहीं है.