130 जवान, 5 हाथी और 10 दिन...रायसेन में रॉयल अर्बन टाइगर का रेस्क्यू, चार महीने से 36 गांवों में थी दहशत
मध्य प्रदेश के रायसेन में वन विभाग को एक रॉयल रायसेन अर्बन टाइगर को पकड़ने में सफलता मिली है. बीते चार महीनों से रायसेन जिला मुख्यालय सहित आसपास के 36 गांवों में लगातार टाइगर के मूवमेंट के कारण फैली दहशत आखिरकार आज खत्म हो गई.
10 दिनों से रायसेन रातापानी सेंचुरी सहित पन्ना कान्हा, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की 130 जवानों की टीम पांच हाथियों के दल के साथ इस टाइगर का रेसस्क्यू करने के लिए तपती गर्मी में जंगल में कड़ी मेहनत कर रहे थे.
वहीं गुरुवार (13 जून) को वन विभाग द्वारा दोपहर करीब 2:30 बजे बाघ को पकड़ा गया. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रायसेन के पास सुरई के जंगलों से सतपुड़ा एवं कान्हा टाइगर रिजर्व से आई टीम ने आदमखोर रॉयल रायसेन अर्बन टाइगर को पकड़ा है.
पिछले 10 दिनों से डीएफओ से लेकर एसडीओ और रेंजर जंगलों में रॉयल बाघ का रेस्क्यू करने में लगे गुरुवार को बाघ का मूवमेंट रायसेन शहर के पास स्थित सूरई के जंगल में बाघ को घेर कर दो इंजेक्शन से दो घण्टे में बेहोश कर बाघ का रेस्क्यू कर लिया है. एक महीने पहले नीमखेड़ा निवासी मनीराम जाटव का इसी बाघ द्वारा शिकार किया गया था।
बताया जा रहा है कि गुरुवार को बाघ का मूवमेंट रायसेन शहर के पास स्थित सूरई के जंगल में पता चला. इसके बाद टीमें पहुंचीं और बाघ को घेरकर दो इंजेक्शन से दो घंटे में बेहोश किया और रेस्क्यू को अंजाम दिया.
एक महीने पहले नीमखेड़ा के रहने वाले मनीराम जाटव नाम के व्यक्ति पर इसी बाघ ने अटैक कर दिया था, जिससे मनीराम की मौत हो हो गई थी. करीब छह महीने से बाघ शहर के आसपास के जंगल में डेरा डाले हुए था. जैसे ही बाघ के पकड़े जाने की खबर मिली तो जिले में लोगों ने राहत की सांस ली.
डीएफओ विजय कुमार ने टाइगर का रेस्क्यू होने के बाद भी लोगों से घने जंगलों में सतर्कता से जाने की अपील की है, क्योंकि रायसेन जिले में अब भी 70 से ज्यादा बाघ रातापानी और रायसेन के आसपास के जंगलों में मौजूद हैं, लेकिन रायसेन शहर सहित आसपास के 36 गांवों में खौफ का पर्याय बन चुके इस टाइगर को अब सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में कॉलर आईडी पहना कर छोड़ा जाएगा.