पहलगाम पहुंचा बाबा अमरनाथ के भक्तों का पहला जत्था, श्रद्धालुओं ने तैयारियों पर क्या कहा?
स्वागत कार्यक्रम में पहलगाम के विधायक अल्ताफ अहमद वानी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविंद्र रैना भी मौजूद रहे. उन्होंने श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि कुछ लोगों ने अमरनाथ यात्रा को लेकर डर फैलाने की कोशिश की थी लेकिन आज इन श्रद्धालुओं ने पहलगाम पहुंचकर उन्हें करारा जवाब दिया है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह जम्मू-कश्मीर की जनता इन यात्रियों का खुले दिल से स्वागत कर रही है वह इस बात का संकेत है कि यह धरती अमरनाथ यात्रियों के लिए पूरी तरह तैयार है.
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कई श्रद्धालुओं ने बताया कि इस बार यात्रा के इंतजाम बेहद सशक्त हैं. सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम हैं और जगह-जगह पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवान मुस्तैदी से तैनात हैं. साथ ही स्थानीय लोगों और प्रशासन द्वारा किए गए स्वागत से श्रद्धालु बेहद खुश और भावुक हैं.
एक श्रद्धालु ने कहा, पहला जयकारा बाबा बर्फानी के लिए है और दूसरा जयकारा देश के उन जवानों के लिए जो हमारी सुरक्षा में दिन-रात तैनात हैं.
पहलगाम पहुंचे पहले जत्थे में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से श्रद्धालु शामिल थे. साधु-संतों की उपस्थिति और बम बम भोले के नारों से वातावरण भक्तिमय हो गया.
श्रद्धालुओं ने बताया कि बाबा की कृपा से वे सकुशल पहलगाम पहुंच गए हैं और कल सुबह से कठिन लेकिन पवित्र यात्रा की शुरुआत करेंगे.
अमरनाथ यात्रा हर साल जून-जुलाई में होती है और यह हिंदू धर्म की सबसे पवित्र यात्राओं में से एक मानी जाती है. यह यात्रा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम और बालटाल मार्गों से होकर पवित्र अमरनाथ गुफा तक जाती है.
जहां प्राकृतिक रूप से बनने वाला बर्फ का शिवलिंग स्थापित होता है. यह यात्रा पहलगाम से करीब 14,000 फीट की ऊंचाई पर होती है और लगभग 48 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है.
इस वर्ष भी केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से यात्रा के दौरान सुरक्षा और सुविधा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं. पहलगाम से लेकर गुफा तक सीआरपीएफ आर्मी जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियों की मौजूदगी सुनिश्चित की गई है. इस बार अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी जिसमे लाखो भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है.