दिल्ली में पहली बार आयोजित उर्दू रामलीला का आखिरी दिन आज, लोगों को आया पसंद, जानें क्यों?
उर्दू रामलीला की कड़ी में आज दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित सुंदर नर्सरी में दिल्ली सरकार और उर्दू अकादमी द्वारा दास्तान रामायण के मंचन का किया गया. इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग रामलीला देखने पहुंचे. लोगों के साथ दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज भी इस दौरान उपस्थित रहे.
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View In Appदरअसल, 108 साल पुरानी उर्दू रामायण के आधार पर इस दास्तान रामायण का मंचन किया गया है. आज उर्दू हेरिटेज फेस्टिवल का का अंतिम दिन है और ये कार्यक्रम रोजाना दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक चलता है.
उर्दू अकादमी की तरफ से शुरू हुए इस उर्दू फेस्टिवल में मंचित किये गए रामलीला के दौरान उस प्रसंग का चित्रण किया गया, जिंसमें प्रभु श्रीराम हिरण को पकड़ने के लिए जाते हैं और इस दौरान रावण माता सीता का हरण कर लेता है. खास बात यह है कि रामलीला से जुड़े तमाम पात्रों का उर्दू रामलीला में मंचन किया गया.
इससे पहले उर्दू से संबंधित इस प्रकार के रामलीला का दिल्ली में आयोजन नहीं किया गया था. यह पहला मौका है, जब दिल्ली में इस तरह की रामलीला उर्दू में आयोजित की गई है.
दिल्ली कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली सरकार लगातार दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रही है. ऐसे कार्यक्रम के आयोजनों के पीछे सरकार की एकमात्र उद्देश्य हमारी युवा पीढ़ी के दिलों में हमारी गंगा-जमुनी संस्कृति को बढ़ाते हुए स्थापित करना है.
हेरिटेज फेस्टिवल में होने वाली रामलीला को लेकर उर्दू अकादमी की तरफ से बताया गया कि, इस बार के उर्दू फेस्टिवल में उर्दू रामायण पर आधारित रामलीला मुख्य आकर्षण है. इससे पहले उर्दू रामायण से संबंधित कोई कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित नहीं हुआ है. आयोजकों ने कहा कि पहली बार इस तरह का कोई आयोजन हो रहा है.
सौरभ भारद्वाज के मुताबिक उर्दू एक बहुत ही शालीनता से भरी मीठी भाषा है जो एक इंसान को दूसरे इंसान से बड़े ही प्यार से जोड़ती है. ऐसे कार्यक्रम लगातार दिल्ली सरकार करने का आगे भी प्रयास करती रहेगी.
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