दिल्ली में अब कबूतरों को दाना डालना पड़ेगा महंगा! MCD लगाएगी जुर्माना, चालान सीधे घर पहुंचेगा
फिलहाल, एमसीडी ने इस नियम को कश्मीरी गेट तिब्बती मार्केट, ईदगाह गोल चक्कर और पंचकुइंया रोड स्थित श्मशान गृह के पास लागू किया है. यहां अगर कोई सड़क किनारे दाना डालते हुए नजर आता है, तो उसका वाहन नंबर नोट कर लिया जाता है.
बाद में ट्रैफिक पुलिस की मदद से मालिक की पहचान कर चालान सीधे घर भेजा जाता है. अभी तक करीब 10 से ज्यादा लोगों की पहचान हो चुकी है और 5 चालान जारी किए जा चुके हैं.
सिटी एसपी जोन की उपायुक्त वंदना राव के अनुसार, यह निर्णय सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए लिया गया है. एमसीडी ने सरकारी भूमि पर पक्षियों के लिए दाना बेचने वाले अवैध दुकानदारों को भी हटा दिया है. इसके अलावा, इन इलाकों में सफाई अभियान चलाकर सूचना बोर्ड लगाए गए हैं, जिन पर स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि पक्षियों और जानवरों को भोजन देना प्रतिबंधित है.
यदि कोई व्यक्ति वाहन से आकर पक्षियों को दाना डालता है, तो नगर निगम कर्मचारी उसका फोटो खींचकर वाहन नंबर रिकॉर्ड करते हैं. फिर ट्रैफिक पुलिस की मदद से वाहन मालिक की जानकारी निकालकर चालान उसके घर भेज दिया जाता है. चालान प्राप्त करने वाले व्यक्ति को निर्धारित समय सीमा में एमसीडी कार्यालय में जाकर जुर्माने का भुगतान करना होगा.
विशेषज्ञों का कहना है कि कबूतरों की अधिकता बीमारियों को जन्म दे सकती है. निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल आर वर्मा ने बताया कि कबूतरों के मल में खतरनाक फंगस पाया जाता है, जो सूखने के बाद पाउडर की तरह हवा में उड़ता है. यह फंगस, फंगल निमोनिया और फेफड़ों की एलर्जिक निमोनाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.
फिलहाल, यह नियम तीन इलाकों में लागू किया गया है, लेकिन अगर सकारात्मक नतीजे मिले, तो इसे दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी बढ़ाया जा सकता है. तो अगली बार सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों या आवारा पशुओं को दाना डालने से पहले सोच लें, कहीं पुण्य कमाने के चक्कर में जुर्माना न भरना पड़े!