In Pics: दिल्ली के सदर बाजार में व्यापारियों का 22वें दिन भी धरना-प्रदर्शन जारी, MCD का जलाया पुतला
दिल्ली के सदर बाजार के व्यापारी पिछले 22 दिनों से सड़क पर प्रदार्शन कर रहे हैं. इसकी वजह एमसीडी की ओर से व्यापारियों की दुकानों को सील किया जाना है. इसी के विरोध में लगातार वहां के व्यापारी अलग-अलग तरह से अपना विरोध प्रदर्शित करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक न तो इनकी दुकानें डी-सील हुई हैं और न ही सरकार या संबंधित विभाग पर इसका कोई असर पड़ा है.
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View In Appफेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा, अध्यक्ष राकेश यादव, कार्यवाहक अध्यक्ष चौधरी योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में गुरुवार को सैकड़ों व्यापारियों ने मिठाई पुल पर एमसीडी का पुतला जलाते हुए जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने बार-बार दुकानों को डी-सील किए जाने की भी मांग की.
परमजीत सिंह पम्मा और राकेश यादव ने कहा कि दिल्ली नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है. आए दिन व्यापारियों को नोटिस दे कर या उनकी दुकानों को सील कर इसे पैसे वसूलने के जरिया बना लिया है, जबकि नगर निगम की ओर से ही व्यापारियों से कॉमर्शियल हाउस टैक्स और ट्रेड लाइसेंस शुल्क वसूला जाता है. यहां तक कि दुकानों की रजिस्ट्री भी कॉमर्शियल में ही होती है, फिर इसे किस आधार पर रेसिडेंशियल बता कर दुकानों को सील किया जाता है? इसकी जांच की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि व्यापारी 22 दिनों से भटक रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी सुध लेने वाला नहीं है।. चुनाव के पहले जिन व्यापारियों से बड़े-बड़े वादे किए गए थे, आज चुनाव के बाद उन नेताओं-जनप्रतिनिधियों को कुछ भी याद नहीं आ रहा है. उन्होंने एमसीडी की सीलिंग की कार्रवाई को अनुचित करार देते हुए अफसरों की तानाशाही बताया, जिसका शिकार, सदर बाजार के व्यापारी लगातार हो रहे हैं.
आपको बता दें कि पिछले महीने एमसीडी ने सदर बाजार के 20 दुकानों को ये कहते हुए सील कर दिया था कि उनकी दुकानें रेसिडेंशियल एरिया में पड़ती हैं, जबकि व्यापारियों का कहना है कि सदर बाजार का 95 प्रतिशत एरिया कॉमर्शियल है, इसलिए एमसीडी की कार्रवाई अनुचित है.
इसके अलावा व्यापारियों ने ये भी आरोप लगाया कि उन्हें दुकानों को सील करने के पहले नोटिस तो नहीं ही दिया गया. इसके अलावा सीलिंग के दौरान उन्हें बिल्कुल भी समय नहीं दिया गया, जिससे वो एमसीडी अधिकारियों से कुछ बात कर पाते या कोई दस्तावेज उन्हें दिखा पाते.
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