दिल्ली के बाबा अनिल नाथ भीषण गर्मी में भी अग्नि कुंडों के बीच कर रहे तपस्या, जानें राज
दिल्ली देहात के बख्तावरपुर गढ़ी गांव के तालाब के किनारे बने एक मंदिर में स्वयंभू तपस्वी योगी बाबा अनिल नाथ पसीने छुड़ा देने वाली प्रचंड गर्मी के बीच अग्नि कुंडों के बीच कठोर तपस्या कर रहे हैं. नाथ पंथ सम्प्रदाय से आने वाले तपस्वी बाबा पिछले 21 दिनों से अग्नि कुंडों से घिरे स्थान पर बैठ कर तपस्या कर रहे हैं.
बाबा अनिल नाथ हर दिन लगभग 3 घंटे तक तपस्या करते हैं. बाबा की तपस्या सवा महीने यानी 41 दिनों तक लगातार चलेगी. इस बीच बाबा हर दिन उपवास रख कर फल एवं पानी के साथ अपना व्रत पूरा करते हैं. तपस्या जारी रहने तक उन्होंने अन्न का त्याग कर रखा है.
अग्नि कुंडों के बीच तपस्या करने के कारण को लेकर जब एबीपी लाईव की टीम ने बाबा से बात की तो उन्होंने बताया कि वह देश में आपसी भाईचारा, सुख-शांति, मॉनसून जल्द लाने और समृद्धि के लिए ये सब कर रहे हैं. तपस्या का मकसद लोगों को भीषण गर्मी से राहत दिलाना है.
उतर प्रदेश के संभल इलाके में अग्नि कुंडों के बीच बैठकर कठोर तपस्या करने वाले बाबा की गर्मी के कारण हुए मौत पर सवाल पूछा तो बाबा अनिल नाथ ने बताया कि अग्नि के बीच बैठकर कठोर तपस्या करने के लिए स्वास्थ्य सही होना बेहद जरूरी है. वह किसी भी बीमारी से ग्रस्त नहीं हैं.
पिछले 32 वर्षों से बाबा गोरखनाथ के आशीर्वाद से अनिल नाथ लगातार इस कठिन तपस्या को करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि न ही उन्हें डिहाइड्रेशन की समस्या है और ना ही चिलचिलाती गर्मी से होने वाली बीमारियों की फिक्र है.
दिल्ली में जहां प्रचंड गर्मी के कारण लोगों का बुरा हाल हो रहा है. थोड़ी देर बाहर रहने पर लोगों को डिहाइड्रेशन जैसी समस्या परेशान करने लगती है. ऐसे में बीते 21 दिनों से लगातार खुले आसमान के नीचे अग्नि कुंडों के बीच बाबा का तप करना काफी हैरानी भरा है.
सवाल यह है कि बाबा को कुछ क्यों नहीं हो रहा है? क्या बाबा तपस्या में बैठने से पहले शरीर पर जो विभूति लगाते हैं, क्या उसमें आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां मिलाते हैं, या फिर यह कोई चमत्कार है, जिसकी वजह से बाबा कुशलतापूर्वक इस तप को कर पा रहे हैं.