Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बना पहला मॉडल देवगुड़ी, जिसकी मुख्यमंत्री ने भी की तारीफ, पर्यटकों के लिए बना आकर्षण का केंद्र
Chhattisgarh News : पूरे छत्तीसगढ़ के लिए रोल मॉडल के रूप में बने गमावाड़ा देवगुड़ी में जिला प्रशासन ने लाखों रुपए की लागत से इसका जीर्णोद्धार कर दिया है. मंदिर में भी नए शेड का निर्माण किया गया है. इसके साथ ही पूरे इलाके को खासकर पत्थरों को चित्रकला के माध्यम से बेहद ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया है, गमावाड़ा देवगुड़ी के पुजारी हिड़मा ने बताया कि ये गुड़ी हिगराज देवता की है, जिनकी पूजा अर्चना पूरे गांव वाले करते हैं, हिगराज देवता की पूजा अर्चना करने से गांव में बीमारी लाचारी नहीं आती है और यहां जो भी अपनी मनोकामना लेकर आते हैं वो जरूर पूरी होती है..
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View In Appमंदिर के पुजारी ने ये भी बताया कि देव गुड़ी बन जाने से गांव वालों के लिए काफी अच्छा हो गया है, और अब इस देवगुड़ी को देखने लोग दूर-दूर से आ रहे हैं, पुजारी ने बताया कि पहले देवगुड़ी पूजा स्थल जर्जर अवस्था में था, जिला प्रशासन की तरफ से देवगुड़ी का पुन:र्निर्माण कार्य कराने से अब इसका कायाकल्प हो गया है.
यहां पर गांव वालों के ठहरने के लिए जगह बनाई गई हैं, पूजा स्थली में चित्रकला की जा रही है ,जिससे ये और भी सुंदर दिख रहा है और आने वाले समय में यहां हर साल भव्य मेला का आयोजन भी किया जाएगा...
देवगुड़ी के पुजारी ने बताया कि ये गुड़ी सैकड़ों साल पुराना है, लेकिन इसके जीर्णोद्धार के लिए किसी तरह से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा था, अब यहां प्रशासन के द्वारा शेड निर्माण किए जाने से देवगुड़ी में ही पंचायत के सारे कामों के फैसले लिए जाते हैं, यही नहीं इस देव गुड़ी में जिला प्रशासन द्वारा सतरंगी सूत्र अभियान चलाया जा रहा है...
दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि इस देवगुड़ी के प्रति ग्राम वासियों की काफी गहरी आस्था जुड़ी हुई है, इस देवगुड़ी को मॉडल के रूप में बनाया गया है, इस मंदिर के आसपास सैकड़ों साल पुराने पत्थर हैं इन पत्थरों में भगवान के चित्रकला करने के साथ बड़े-बड़े शेड का निर्माण भी किया गया हैं.
कलेक्टर ने बताया कि जिला प्रशासन इस देवगुड़ी में सतरंगी सूत्री अभियान भी चला रही है , इस अभियान के तहत मंदिर के पुजारी के समक्ष सभी ग्रामवासी संकल्प लेते हैं कि वे सत प्रतिशत कोविड वैक्सीन के साथ मलेरिया मुक्त दंतेवाड़ा सूचकांक-एनिमिया मुक्त, गंदगी मुक्त पंचायत, कुपोषण मुक्त, शत प्रतिशत् स्कूली बच्चों का शाला में नामांकन, 100 % गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव और शत्-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण और आंगनबाड़ी में प्रवेश जैसे 7 प्रमुख कार्यो का पालन करेंगे, साथ ही ग्रामीणों को भी इसके लिये जागरूक करेंगे.
उन्होंने ये भी बताया कि इस देवगुड़ी के माध्यम से यहां दूर दराज से पहुंचने वाले पर्यटक आदिवासियों की विभिन्न संस्कृति, सभ्यता, खान-पान, रहन-सहन, आभूषण और बोली-भाषा से परिचित हो सकेंगे.
साथ ही उन्हें पहली बार एक ऐसा स्थान मिलेगा जहां आदिवासी अंचल की सभ्यता और संस्कृति को जानने-पहचानने के साथ-साथ करीब से महसूस कर सकेंगे,. सैलानियों के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार स्वतः होगा, और इसे विश्व पटल पर अलग पहचान मिलेगी, जिससे आदिवासी संस्कृति और समृद्ध होगा.
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