Pitru Paksha 2023: बिहार के गया में मनाई गई पितृ दीपावली, बैंड बाजे के साथ थिरके तीर्थयात्री, जगमग हो उठा देवघाट
गया में आयोजित पितृपक्ष मेला के दौरान लाखों की संख्या में तीर्थयात्री गया जी पहुंचकर अपने पितरों को मोक्ष की कामना के साथ पिंडदान, तर्पण एवं कर्मकांडों को पूरा कर रहे हैं.
गया से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जिसे देखकर आपका मन प्रसन्न हो जाएगा. जिला प्रशासन की ओर से गुरुवार की शाम आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कई तस्वीरें शेयर की गईं.
दरअसल पितृपक्ष के 14वें दिन त्रयोदशी तिथि की शाम विष्णुपद मंदिर के समीप देवघाट पर पितृ दिवाली मनाई गई.
ऐसी मान्यता है कि आज के दिन दीपदान करने से पितरों के स्वर्ग जाने का मार्ग प्रकाशमय हो जाता है. दीप जलाकर पितरों को प्रसन्न किया जाता है. पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
इस दौरान अलग अलग प्रांतों से आए महिला-पुरुष तीर्थयात्रियों ने अपने पूर्वजों की आत्मशांति के लिए कामना करते हुए पितरों के लिए घी का दीया जलाया. पितृ दीपावली पर हजारों की संख्या में दीप जलने के बाद पूरा घाट जगमग हो उठा.
देवघाट को दीपक से आकर्षक रूप से सजाया गया है. बड़ी संख्या श्रद्धालु पहुंचे हैं. वहीं बैंड बाजे से साथ कई तीर्थयात्री पितृ दिवाली मनाने पहुंचे. पितरों की याद में घी का दीया जलाकर थिरकते दिखे.
गया को भगवान विष्णु की नगरी और मोक्ष की भूमि कहा जाता है. गया को भगवान विष्णु स्वयं पितृ देव के रूप में विराजमान रहते हैं, इसलिए इसे पितरों का तीर्थ भी कहा जाता है.
बताया जाता है कि यहां जिस भी पितरों का पिंडदान होता है वह मोक्ष को प्राप्त करते हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार गया श्राद्ध पितरों को सीधे स्वर्ग के दरवाजे पर ले जाता है.
गया जिला प्रशासन ने ट्वीट कर लिखा- पितृपक्ष मेले के अवसर पर आज गुरुवार की शाम विष्णुपद मंदिर के पास पवित्र फल्गु के तट देवघाट पर देव दीपावली मनाई गई. इसके पीछे की अवधारणा है कि हे पितर! आपके मोक्ष के निमित्त जो श्रद्धा (श्राद्ध) अर्पित किया हमने उसे आपने सहर्ष स्वीकार किया है और अब हमें शेष जीवन में आपका आशीर्वाद रहे यही आपसे निवेदन करता हूं. सुख समृद्धि की कामना करते हैं.