Bihar Mahabodhi Temple: बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है बिहार का महाबोधि मंदिर, जानें- क्या है इसका इतिहास
बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है बिहार के गया का महाबोधि मंदिर. यह मंदिर बौद्ध तीर्थयात्रा का सबसे पवित्र स्थान मना जाता है. यह ऐतिहासिक मंदिर बौद्ध सर्किट मानव कल्याण की दिशा में भगवान बुद्ध के कार्यों की निशानी है. देश विदेश के लोग यहां हर साल आते हैं. यह पावन स्थल दुनिया भर के बौद्ध तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है. नीचे की स्लाइड में देखें कुछ खास तस्वीरें.
महाबोधि मंदिर बिहार के बोधगया में स्थित है. यह गंगा नदी के मैदानी भाग में स्थित है. यह मंदिर बौद्ध धर्म के लिए खास है. यहीं पर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति हुई थी. यह मंदिर बिहार से 115 किलोमीटर दूर स्थित है. महाबोधि मंदिर यूनेस्को के वर्ल्ड हरिटेज साइट में शामिल है.
मंदिर के गर्भगृह में बुद्ध की सोने की प्रतिमा लगी हुई है. यह पाल राजाओं द्वारा निर्मित काले पत्थर कि प्रतिमा है. यह प्रतिमा देखने में काफी आकर्षक है.
महाबोधि मंदिर का निर्माण कब हुआ इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन यह मंदिर लगभग 2 हज़ार सालों से भी अधिक समय से हिन्दुओं और बौद्धों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल रहा है.
इस मंदिर और इसके आसपास की जगहों पर महान सम्राट अशोक के काल के कुछ शिलालेख मिले थे. इस शिलालेख से यह अंदाजा लगाया जाता है कि यह मंदिर 232 ईसा पूर्व से भी अधिक प्राचीन है.
महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्म के लोगों के लिए बेहद ही पवित्र स्थल है. यह मंदिर भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित चार सबसे पवित्र जगहों में से एक है.
देश विदेश के श्रद्धालु और भगवान बुद्ध को मानने वाले यहां हर साल आते हैं और भगवान बुद्ध के बारे में जानते हैं.