बेटी की जीत के लिए अशोक चौधरी लगाएंगे जान... शांभवी पर चिराग पासवान ने क्यों जताया भरोसा?
लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी तेज हो चुकी है. बिहार की 40 सीटों में से एनडीए के सहयोगी दल एलजेपीआर को पांच सीटें मिली हैं. चिराग पासवान ने सभी पांच सीटों से प्रत्याशियों के नाम की भी घोषणा कर दी है.
सबसे अधिक अगर चर्चा है तो वह समस्तीपुर सीट को लेकर है जहां से चिराग पासवान ने शांभवी चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. यह सुरक्षित सीट है.
शांभवी चौधरी बिहार सरकार में वर्तमान मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी अशोक चौधरी की बेटी हैं. शांभवी चौधरी ना सिर्फ स्मार्ट और शिक्षित होने के साथ-साथ इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए वो सबसे कम उम्र की प्रत्याशी भी हैं.
शांभवी चौधरी चुनाव जीत जाती हैं तो लोकसभा में सबसे कम उम्र की महिला सांसद के रूप में इतिहास बना सकती हैं. शांभवी की उम्र 25-26 के बीच है.
शांभवी ने अपनी पढ़ाई दिल्ली के मशहूर लेडी श्री राम कॉलेज और दिल्ली ऑफ इकोनॉमिक्स से की है. इसके अलावा पीएचडी कर चुकी हैं. भले वह राजनीति में नहीं थीं लेकिन सामाजिक कार्यों में जुटी रहती हैं. पटना के एक स्कूल की डायरेक्टर भी हैं.
एलजेपी रामविलास से टिकट मिलने के बाद वह कई लोगों से मिलीं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी वह मिलने गईं, मुख्यमंत्री ने उन्हें आशीर्वाद दिया.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी से भी मिलीं. फेसबुक पर शांभवी चौधरी की कई तस्वीरें हैं जिससे उनका अलग-अलग रंग दिखता है.
शांभवी चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता नहीं थीं जिसके कारण माना यह जा रहा है कि चिराग पासवान के अन्य नेता इससे नाराज हैं. इस तस्वीर में शांभवी चौधरी चिराग पासवान के साथ दिख रही हैं.
सबसे बड़ा सवाल है कि चिराग पासवान ने शांभवी चौधरी पर भरोसा क्यों जताया? इसके भी कुछ कारण हैं. वह खुद एक युवा नेता हैं और युवाओं को आगे करना चाहते हैं. उन्होंने पहले भी कहा है कि युवाओं को आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य है.
शांभवी चौधरी अभी तक राजनीति में नहीं थीं लेकिन वह राजनीति से अनजान भी नहीं हैं. उनके पिता और दादा बिहार के राजनीतिज्ञ रहे हैं. दादा महावीर चौधरी कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे थे. पिता अशोक चौधरी अभी बिहार सरकार में मंत्री हैं. इसका फायदा भी शांभवी को मिलेगा.