आज क्रिकेटर नहीं मछुआरे होते दिग्गज सुनील गावस्कर! पैदा होते ही मां से बिछड़ गए थे; जानें दिलचस्प कहानी
क्रिकेट इतिहास में जब भी सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों की बात होती है तो उसमें भारतीय पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर का नाम भी शामिल होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो बचपन में ही अपनी मां से बिछड़ गए थे. और उनके चाचा की समझदारी से वे इतने बड़े क्रिकेटर बन पाए, नहीं तो वो मछुआरे होते.
गावस्कर ने इस किस्से का खुलासा अपनी किताब ‘Sunny Day's’ में किया. गावस्कर ने इस किताब के ज़रिए बताया कि अगर उनकी ज़िंदगी में पैनी नज़रों वाले नारायण मासुरकर चाचा नहीं होते तो वो आज एक मछुआरे होते. गावस्कर ने लिखा, “मेरे जन्म के वक़्त मेरे घर वाले मुझे देखने के लिए अस्पताल पहुंचे. मेरे चाचा नारायण मासुरकर भी मुझे देखने गए थे और उन्होंने मेरे कान पर एक बर्थमार्क देखा.”
आगे लिखा गया, “अगले दिन चाचा फिर अस्पताल पहुंचे और इस बार उन्होंने जिस बच्चे को गोद में उठाया, उसके कान पर वो निशान नहीं दिखा. इसके बाद उन्होंने अस्पताल वालों से बच्चों को चेक करने के लिए कहा. पहले तो अस्पताल वालों ने इसे गलतफहमी समझा. लेकिन चाचा ने बताया कि उन्होंने अपने भतीजे के कान पर एक निशान देखा था.”
गावस्कर ने आगे बताया, “इसके बाद अस्पताल में सभी बच्चों की जांच की गई, तब नन्हें गावस्कर मछुआरे की मां के पास लेटे हुए मिले. नर्स की गलती के चलते मुझे किसी मछुआरे की मां के पास सुला दिया था. अस्पताल में नहालाते वक़्त शायद मैं बदल गया था.”
दिग्गज गावस्कर ने आगे बताया, “अगर उस दिन मेरे चाचा मेरा बर्थमार्क नहीं देखते, तो शायद आज मैं मछुआरा होता.”
दिग्गज गावस्कर ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 125 टेस्ट और 108 वनडे मैच खेले. गावस्कर ने अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू 1971 में किया था और आखिरी मैच 1987 में खेला था.