Ind vs SA: चौथी पारी में खतरनाक हो जाते हैं टीम इंडिया के गेंदबाज, दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए बदलना होगा 34 साल का इतिहास
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला सेंचुरियन में खेला जा रहा है. मैच का आज यानी गुरुवार को पांचवां दिन है. टीम इंडिया को जीत के लिए 6 विकेट की जरूरत है तो साउथ अफ्रीका को 211 रन बनाने होंगे.
साउथ अफ्रीका ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक 4 विकेट के नुकसान पर 94 रन बना लिए थे. कप्तान डीन एल्गर 52 रनों पर नाबाद हैं. टीम इंडिया के लिए जसप्रीत बुमराह ने 2, मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी ने 1-1 विकेट लिए हैं.
इससे पहले टीम इंडिया की दूसरी पारी 174 रनों पर सिमट गई थी. उसने पहली पारी में 130 रनों की बढ़त हासिल की थी, जिसके बाद साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 305 रनों का लक्ष्य मिला. डीन एल्गर की इस टीम के लिए ये लक्ष्य आसान नहीं है, क्योंकि चौथी पारी में भारतीय गेंदबाजों का रिकॉर्ड बेहद शानदार है.
250 से ज्यादा रनों का टारगेट देने पर टीम इंडिया को अब तक सिर्फ दो बार हार मिली है. जिन दो टीमों ने टीम इंडिया के खिलाफ 250 रनों से ज्यादा का लक्ष्य हासिल किया है वो ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज हैं.
ऑस्ट्रेलिया ने 21 दिसंबर, 1977 को पर्थ में 8 विकेट के नुकसान पर 342 रन बनाए थे. इसके 10 साल बाद 29 नवंबर, 1987 को वेस्ट इंडीज ने 5 विकेट के नुकसान पर 276 रन पर जीत हासिल की थी. साउथ अफ्रीका को सेंचुरियन में जीत हासिल करने के लिए 34 वर्षों का इतिहास बदलना होगा.
साउथ अफ्रीकी टीम घर पर सिर्फ एक बार 300 से ज्यादा रनों के लक्ष्य का पीछा कर सकी है. साल 2001-02 में दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डरबन टेस्ट में 335 रनों के लक्ष्य का पीछा किया था.
सेंचुरियन में अब तक 300 रनों के लक्ष्य का पीछा नहीं हो सका है. गेंदबाजों के मददगार इस मैदान पर सबसे बड़ा रन चेज इंग्लैंड ने किया था. 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इंग्लैंड ने यहां लक्ष्य का पीछा करते हुए 251 रन बनाए थे.