IND vs ENG: पिता कारगिल युद्द के हीरो, बेटा टीम इंडिया का...दिल छू लेने वाली है ध्रुव जुरेल की कहानी
ध्रुव जुरेल ने इंग्लैंड के खिलाफ रांची में खेले जा रहे चौथे टेस्ट में शानदार बैटिंग करते हुए 149 गेंदों में 6 चौके और 4 छक्कों की मदद से 90 रनों की पारी खेली और टीम इंडिया को 300 रनों का आंकड़ा पार करने में अहम योगदान दिया. जुरेल भारत के लिए उस वक़्त डटे रहे जब बड़े-बड़े दिग्गज आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे.
भारत के लिए सिर्फ दूसरा टेस्ट खेल रहे जुरेल के लिए यहां तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं था. उत्तर प्रदेश के आगरा से आने वाले जुरेल के पिता भारतीय आर्मी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं और वो चाहते थे कि उनका बेटा भी उन्ही के नक्शे कदम पर चलते हुए आर्मी में आए और देश की सेवा करे. पिता नेम सिंह कारगिल युद्ध में का हिस्सा रहे.
लेकिन जुरेल के अंदर का क्रिकेट जुनून उन्हें कहीं और ही ले जाना चाह रहा था. पिता नेम सिंह बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेट खेले. लेकिन बेटे के जज्बे के आगे किसी की नहीं चली. हालांकि जुरेल से पहले उनके परिवार से किसी ने भी क्रिकेट नहीं खेला था.
पिता इस हद तक बेटे को क्रिकेट दूर रखना चाहते थे कि उन्होंने ध्रुव को किट खरीदने के लिए पैसे नहीं दिए थे, तब उनकी मां ने गहने बेचकर उन्हें क्रिकेट किट दिलाई थी.
क्रिकेट का जुनून ध्रुव को सिर्फ 13 साल उम्र में आगरा से नोएडा ले आया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ वक़्त ध्रुव की मां भी उनके साथ नोएडा में रहने लगी थी.
बता दें कि ध्रुव ने राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए तीसरे टेस्ट के ज़रिए भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया. अब रांची में वो अपने करियर का दूसरा टेस्ट खेल रहे हैं.