Planet Alignment: आसमान में होगी ग्रहों की परेड, नहीं देख पाए तो 11 साल तक नहीं मिलेगा मौका
ये घटना काफी रेयर मानी जाती है क्योंकि सभी सात ग्रह बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून एक वक्र रेखा में संरेखित होंगे. इसे 'एक्लिप्टिक' कहा जाता है जो सूर्य की कक्षीय दिशा को दर्शाता है.
इस बार का संरेखण खास इसलिए है क्योंकि सातों ग्रह पृथ्वी के दृष्टिकोण से सूर्य के एक ही ओर स्थित होंगे. इस तरह की घटनाएं बहुत कम होती हैं और पूरे सदी में कुछ ही बार देखने को मिलती हैं.
अगर आप इस नजारे को देखने से चूक गए तो अगली बार ये संयोग 2036 में देखने को मिलेगा और फिर 2060 में. यानी ये अवसर उन दुर्लभ घटनाओं में से एक है जिसे देखने के लिए दशकों का इंतजार करना पड़ सकता है.
इस खगोलीय घटना के दौरान बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि बिना किसी उपकरण के देखे जा सकेंगे, लेकिन यूरेनस और नेपच्यून को देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की जरूरत पड़ेगी.
इस अद्भुत नजारे को देखने का सबसे सही समय सूर्यास्त के तुरंत बाद होगा जब आसमान पर्याप्त रूप से रोशन होगा, लेकिन ज्यादा चमकदार नहीं रहेगा. बेहतर विजिबिलिटी के लिए कम रोशनी वाले जगह और खुले क्षितिज का चुनाव करना जरूरी होगा.
ये घटना सिर्फ एक दृश्यीय आकर्षण नहीं बल्कि हमारे सौर मंडल की जटिलता और विशालता को समझने का भी बेहतरीन अवसर है. ये हमें याद दिलाता है कि हम एक अनंत ब्रह्मांड का हिस्सा हैं जहां ग्रहों की एक्टिविटी लगातार चलती रहती हैं.
इस संरेखण का अध्ययन न केवल खगोल प्रेमियों बल्कि वैज्ञानिकों और पेशेवर एस्टॉनोमर्स के लिए भी अहम होगा. ये घटना ग्रहों की कक्षाओं और पृथ्वी के सापेक्ष उनकी स्थिति को समझने में मदद करेगी जिससे अंतरिक्ष विज्ञान के नए आयाम खुल सकते हैं.