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Earth Minimoon: मिल गया 'मिनीमून', एस्ट्रोनॉमर ने खोज निकाला, जानें कैसे हुआ ये

एबीपी लाइव   |  06 May 2025 01:42 PM (IST)
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दक्षिण अफ्रीका के एस्ट्रोनॉमर ने अगस्त 2024 में एक छोटा-सा चट्टानी टुकड़ा खोजा, जो पृथ्वी के पास बहुत धीमी गति से घूम रहा था. इसे नाम दिया गया 2024 PT5. इसकी स्पीड मात्र 7.24 किमी/घंटा (लगभग 2 मीटर प्रति सेकंड) थी, जो खगोलीय दृष्टि से असाधारण है.

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वैज्ञानिकों का मानना है कि 2024 PT5 कोई सामान्य उल्कापिंड नहीं है. बल्कि इसकी संरचना चंद्रमा से लाए गए पत्थरों से मेल खाती है, विशेष रूप से अपोलो और लूना मिशनों में एकत्र किए गए नमूनों से. इससे यह अनुमान लगाया गया कि 2024 PT5 पृथ्वी के पास ‘मिनीमून’ बनकर घूम रहा है.

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मिनीमून एक अस्थायी प्राकृतिक उपग्रह होता है, जो कुछ समय के लिए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फंस जाता है और पृथ्वी की कक्षा में घूमता है. यह स्थिति स्थायी नहीं होती और ये टुकड़े कुछ महीनों या वर्षों के बाद फिर से अंतरिक्ष की अपनी पुरानी कक्षा में लौट जाते हैं.

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2024 PT5 को सितंबर 2024 में मिनीमून घोषित किया गया, क्योंकि यह कुछ समय तक पृथ्वी की कक्षा में बना रहा, फिर वापस अपनी पुरानी कक्षा में चला गया. वैज्ञानिकों की रुचि इसमें इसलिए भी अधिक है, क्योंकि इसकी गति बहुत धीमी थी. इसका व्यास केवल 8 से 12 मीटर है. इसकी बनावट चंद्रमा की सतह जैसी है.

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चंद्रमा पर लाखों सालों से अंतरिक्षीय पिंडों की टक्कर होती रही है. चूंकि वहां न वायुमंडल है, न प्लेट टेक्टोनिक्स, इसलिए टक्कर से बने गड्ढे (क्रेटर्स) स्थायी होते हैं. वैज्ञानिक मानते हैं कि 2024 PT5 ऐसा ही एक टुकड़ा है, जो किसी बड़े टकराव में चंद्रमा से निकला होगा.

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टकराव के दौरान में बने टुकड़े अलग-अलग दिशाओं में निकल सकते हैं और वर्षों तक अंतरिक्ष में स्वतंत्र रूप से यात्रा कर सकते हैं. अगर उनकी गति और दिशा अनुकूल हो तो वे पृथ्वी के पास आ सकते हैं और कुछ समय के लिए पृथ्वी के गुरुत्व में फंस भी सकते हैं.

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2024 PT5 अकेला ऐसा टुकड़ा नहीं है. 2016 में खोजा गया कामो’ओलेवा (Kamo'oalewa) नामक ऑब्जेक्ट भी 2021 में चंद्रमा से जुड़ा पाया गया. यह टुकड़ा 2024 PT5 से बड़ा है और इसे क्वासी-सैटेलाइट माना जाता है, क्योंकि यह पृथ्वी के पास चक्कर लगाता है, लेकिन सीधे उसके चारों ओर नहीं घूमता.

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कामो’ओलेवा को चंद्रमा के जियोर्डानो ब्रूनो क्रेटर से जोड़ा गया है. ये एक 22 किमी चौड़ा गड्ढा जो चंद्रमा की दूसरी तरफ है. अगर 2024 PT5 और कामो’ओलेवा दोनों चंद्रमा के टुकड़े हैं तो यह इस बात की पुष्टि करता है कि चंद्रमा से निकले ऐसे टुकड़े अंतरिक्ष में मौजूद हैं और पृथ्वी के करीब भी घूम रहे हैं.

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