Turkiye Earthquake: तुर्किए-सीरिया में भूकंप की तबाही का मंजर, मिट्टी के अंदर अपनों को तलाशते लोग...दिल दहलाने वाली तस्वीरें
इस विनाशकारी भूकंप की एक-एक तस्वीरें रोंगटे खड़े करने वाली और दिल को झकझोरने वाली हैं. बेहिसाब तबाही का ये आलम...कुदरत के इंतकाम का सबसे नया उदाहरण है. धरती के अंदर से जलजला उठा और आंखों के सामने पलभर में सबकुछ खत्म हो गया. तुर्किए (तुर्की) और सीरिया में आए इस भूकंप में अब तक 2600 लोगों की मौत हो चुकी है. (PC- Getty)
कहने को तो मिडिल ईस्ट के चार देशों में भयानक भूकंप आया, लेकिन सबसे ज्यादा तबाही तुर्किए (तुर्की) में हुई क्योंकि भूकंप का केंद्र तुर्किए (तुर्की) का गजियांटेप शहर के पास था. (PC- Getty)
सोमवार को जैसे ही जलजला शुरू हुआ कई इमारतें हिलने लगीं. दक्षिण तुर्किए (तुर्की) के मालट्या, दियारबाकिर शहर में भी भारी नुकसान हुआ है. तुर्किए (तुर्की) के दस शहरों में जलजले ने जमकर कहर बरपाया है. हजारों लोग एक झटके में पातालसमाधि ले चुके थे. कई इलाकों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है. (PC- AP)
तुर्किए (तुर्की) के लोकल टाइम के मुताबिक भूकंप सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर आया यानी ये वो वक्त था जब लोग अपने घरों में सो रहे थे. इसी के 11 मिनट बाद दूसरा बड़ा भूकंप आया. जिसने लोगों को संभलने तक का मौका नहीं दिया. जानकारी के मुताबिक तीस मिनट में तीन बड़े भूकंप ने तुर्किए (तुर्की) और सीरिया को घुटनों के बल ला दिया. (PC- AP)
US जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, तुर्किए (तुर्की) में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए हैं. इसके बाद 30 से ज्यादा आफ्टर शॉक्स रिकॉर्ड किए गए. इनकी तीव्रता भी 4 से ज्यादा थी. (PC- Getty)
इसमें भी पहले भूकंप के बाद जो सात आफ्टर शॉक्स आए वो रिक्टर स्केल पर 5 से ऊपर रिकॉर्ड किए गए. इनमें भी 6.6 तीव्रता का एक आफ्टर शॉक रिकॉर्ड किया गया. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगे कुछ और आफ्टर शॉक्स आ सकते हैं. (PC- AP)
एजेंसियों के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान दक्षिण तुर्किए (तुर्की) और उत्तरी सीरिया में हुआ है. सैकड़ों बिल्डिंग मिट्टी में तब्दील हो गई. सैकडों जिंदगियां इनके अंदर समा गई. कई लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला. मौत का आंकड़ा हर घंटे बढ़ता जा रहा है, लेकिन आशंका कि ये आंकड़ा हजारों में जा सकता है. (PC- AP)
तुर्किए (तुर्की) ने इस कुदरती आपदा को देखते हुए लेवल चार का अलर्ट जारी कर दिया है. इसका मतलब उसने दूसरे मुल्कों से इस आपदा से निपटने के लिए मदद मांगी है. भारत की ओर से राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में भेजने के लिए तैयार किए गए. दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं. (PC- AP)
चिंता की बात ये है कि कुछ जगहों पर अचानक से मौसम बदल गया है. बर्फबारी शुरू हो चुकी है जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशंस में दिक्कतें आने लगी हैं. मुसीबत ये भी है कि ये बर्फीला तूफान गुरुवार तक जारी रहेगा. तुर्किए (तुर्की) भूकंप के लिहाज से सबसे सेंसिटिव जोन्स में आता है और यहां भूकंप के झटके आते रहे हैं. इससे पहले 1999 में भूकंप की वजह से नॉर्थ वेस्ट टर्की में 18000 लोगों की मौत हो गई थी. (PC- Getty)
सोमवार को जैसे जैसे जलजले की रफ्तार थमी, धरती ने हिलना बंद किया, उसके फौरन बाद तबाही का मंजर आंखों के सामने था. विकास की मीनारों से पटे हुए शहर पल भर में जमीन की खाक में मिल गए. हंसते खेलते सैकड़ों परिवार टूट गए. जो सलामत बचे वो मिट्टी के अंदर से अपनों की तलाश कर रहे हैं. ना जाने कब कोई आवाज आ जाए, लेकिन हर गुजरते लम्हों के साथ उम्मीदों की डोर टूट रही है. (PC- AP)