पाकिस्तान के हाथ से निकला बलूचिस्तान? पाक संसद में मच गया बवाल, सरकार से सांसदों ने पूछ डाले कड़वे सवाल
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में बुधवार (4 सिंतबर, 2024) को बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा को लेकर जोरदार हंगामा हुआ. बड़े नेताओं और सांसदों ने सरकार से इस पर तीखे सवाल पूछे और हालातों को बेहतर करने के सुझाव भी दिए. उनका कहना है कि शहबाज शरीफ सरकार न तो बलूचिस्तान को और न ही वहां के लोगों को गंभीरता से ले रही है और न ही उसका ध्यान हालातों को ठीक करने पर है.
बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के चीफ अख्तर मेंगल ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि बलूचिस्तान का देश की सरकार पर से भरोसा खत्म हो चुका है क्योंकि सरकार को उनका ख्याल नहीं है.
अख्तर मेंगल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री में से कोई भी बलूचिस्तान के हालात को सुधारना ही नहीं चाहते हैं. ऐसा लगता है कि सरकार का यहां से कोई लेना देना नहीं है.
पाक संसद में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल के चीफ मौलाना फजल उर रहमान ने भी बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के मुद्दे पर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में हालात ऐसे हो गए हैं कि वहां के लोग ग्रुप बनाकर हाथों में रॉकेट लॉन्चर लेकर घूम रहे हैं.
मौलाना फजल उर रहमान ने बलूचिस्तान के बिगड़ते हालातों की तरफ संसद का ध्यान ले जाते हुए कहा कि वहां लोग हाथों में हथियार लेकर वसूली करने निकल जाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार सच में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के हालात को सुधारना चाहती है तो, इसके लिए उन्हें वहां जाना होगा और वहां की आम जनता से बात करनी होगी.
मौलाना फजल उर रहमान ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तानी सरकार ने बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के स्थानीय नेताओं को नजर अंदाज किया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
संसद और इन इलाकों में मचे बवाल के देखते हुए ऐसे कयास लग रहे हैं कि कहीं पाकिस्तानी सरकार के हाथों से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा निकल न जाएं.