Pakistan: पिछले 22 साल में पाकिस्तान के कर्ज में 1500 फीसदी का इजाफा, शहबाज से लेकर इमरान तक सबने डुबाई लुटिया, देखें तस्वीरें
भारत से अलग होकर 1947 में बना पाकिस्तान आज दिवालिया होने के कगार पर है. इस मुल्क के इन खराब हालातों के लिए बहुत हद तक यहां की हुकूमतें भी जवाबदेह रही हैं. नतीजा बीते 22 साल में यहां सकल सार्वजनिक ऋण 1500 फीसदी के पार पहुंच गया है. (फोटो-ट्विटर से)
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View In Appपाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा है. उस पर कर्ज पर ब्याज की भुगतान लागत 4.8 ट्रिलियन रुपये तक जा पहुंची है. जो मुल्क के संघीय बजट का 50 फीसदी है.(फोटो-ट्विटर से)
पाकिस्तान 75 साल के अंदर कर्ज के जाल में ऐसा फंसा कि बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. 2000 तक सकल सार्वजनिक ऋण 3.1 ट्रिलियन रुपये था.(फोटो-ट्विटर से)
2008 में सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ की हुकूमत खत्म होने तक ये बढ़कर 6.1 ट्रिलियन तक जा पहुंचा. 8 सालों में ही कर्ज में 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.(फोटो-ट्विटर से)
पाकिस्तान का कर्ज जून 2013 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की हुकूमत में 14.3 ट्रिलियन तक आ गया. इस दौरान पहले 4 साल के लिए यूसूफ रजा गिलानी पीएम थे और 1 साल रजा परवेज अशरफ सत्ता में रहे थे. 5 साल में कर्ज में 130 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.(फोटो-ट्विटर से)
नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज वाली सरकार में 2013 से लेकर 2018 में कर्ज का बोझ बढ़कर 76 फीसदी तक जा पहुंचा था.(फोटो-इंस्टाग्राम से)
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की इमरान खान वाली हुकूमत में भी कर्ज का मर्ज बढ़कर 77 फीसदी तक जा पहुंचा था. (फोटो इंस्टाग्राम से)
51 साल पहले 1971 में इस मुल्क पर 546 मिलियन डॉलर का विदेश कर्ज था, लेकिन मौजूदा पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की सरकार में ये बढ़कर 100 अरब डॉलर तक जा पहुंचा है. (फोटो इंस्टाग्राम से)
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