नेपाल में Gen-Z का हिंसक प्रदर्शन, काठमांडू में आगजनी-गोलीबारी, सेना ने संभाला मोर्चा, कर्फ्यू लागू
नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत कई सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद जेनरेशन जी (18 से 30 साल) के हजारों युवा सोमवार (08 सितंबर, 2025) को सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया.
प्रतिबंध के विरोध में युवाओं ने न्यू बानेश्वर स्थित संसद भवन परिसर में घुसने की कोशिश की. उन्होंने बैरिकेड्स को नुकसान पहुंचाया और आगजनी की कोशिश की. प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. साथ ही कुछ प्रदर्शनकारियों के घायल होने की भी खबर है.
प्रदर्शन करने वाले युवाओं का कहना है कि देश में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी है और इस पर सवाल उठाने की वजह से इन सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगाया गया है. 'द काठमांडू पोस्ट' की रिपोर्ट के अनुसार, 25 अगस्त को नेपाल कैबिनेट ने फैसला किया था कि सभी सोशल मीडिया ऑपरेटर्स को सोशल मीडिया के उपयोग के नियमन संबंधी निर्देश, 2023 के तहत सात दिनों के भीतर पंजीकरण कराना होगा.
आगजनी और प्रदर्शन को देखते हुए नेपाल सरकार ने दोपहर 12.30 बजे न्यू बानेश्वर और उसके आसपास के इलाकों में रात 10 बजे तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया. सरकार का कहना है कि 'रजिस्टर्ड' नहीं होने की वजह से सोशल मीडिया साइट्स को बैन किया गया है.
काठमांडू जिला प्रशासन ने शहर के पश्चिम इलाके में स्थित न्यू बानेश्वर चौक से बिजुलीबजार पुल (एवरेस्ट होटल के पास) तक कर्फ्यू लगाया है. ये कर्फ्यू पूर्वी इलाके में मिन भवन, शांति नगर से टिंकुने चौक तक, नॉर्थ साइड में आईप्लेक्स माल से रत्न राज्य माध्यमिक विद्यालय तक और साउथ में शंखमुल पुल तक लगाया गया है.
इस हिंसक आंदोलन के बाद पीएम केपी ओली ने कहा, 'मैंने एक सुनियोजित 'जेन जी विद्रोह' के बारे में सुना है. हम सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं हैं. हम अराजकता, अहंकार और अपने देश को नीचा दिखाने के खिलाफ हैं. जो बात स्वीकार नहीं की जा सकती, वह यह है कि जो लोग नेपाल में व्यापार करते हैं, पैसा कमाते हैं और फिर भी कानून का पालन नहीं करते हैं.
प्रदर्शनकारियों ने राजधानी काठमांडू के मैतीघर मंडला में सुबह 9 बजे इकट्ठा होकर तख्तियों और नारों के साथ रैली शुरू की. यह रैली बनेश्वर तक चली, जो नेपाल का एक प्रमुख राजनीतिक केंद्र है. आयोजनकर्ताओं ने साफ कहा कि यह केवल एक दिन का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि आने वाले दिनों में भी वे अपनी आवाज बुलंद करेंगें.
नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (एनटीए) ने 26 प्लेटफार्मों के नाम शेयर किए, उनमें फेसबुक, मैसेंजर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सएप, एक्स, लिंक्डिन, स्नैपचैट, रेडिट, डिस्कॉर्ड, पिनटेरेस्ट, सिग्नल, थ्रेड्स, वीचैट, क्वोरा, टम्बलर, क्लबहाउस, मैस्टोडॉन, रंबल, वीके, लाइन, आईएमओ, जालो, सोल और हैमरो पैट्रो शामिल हैं, जिन्हें बैन किया गया है.