हेलीकॉप्टर की तरह लैंडिंग, शॉर्ट टेक ऑफ... गेमचेंजर है अमेरिका का F-35B फाइटर जेट

F-35B फाइटर जेट को सामान्य फाइटर जेट्स की तरह लंबे रनवे की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि इसे शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) करने की क्षमता से लैस किया गया है. इस क्षमता के कारण यह विमान बेहद लचीला है और यह कम दूरी से उड़ान भरने और हेलीकॉप्टर की तरह सीधा नीचे उतरने की क्षमता रखता है.
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F-35B को जंग के मैदान, आपदा प्रभावित इलाके और क्षतिग्रस्त हवाई पट्टियों पर लैंडिंग जैसे बेहद मुश्किल परिस्थितियों और इसका वर्टिकल लैंडिंग फीचर खासतौर पर वैसे इलाकों में ऑपरेट के लिए ही डिजाइन किया गया है, जहां आम फाइटर जेट विमान बिल्कुल भी काम नहीं कर सकते हैं. इस विमान के इस कमाल के पीछे इसका क्रांतिकारी इंजन का डिजाइन है. इसमें प्रैट एंड व्हिटनी के F135 इंजन का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें एक घूमने वाला रियर नॉजल और कॉकपिट के ठीक पीछे एक एम्बेडेड लिफ्ट फैन इंस्टॉल किया गया है.

जब यह F-35B लाइटनिंग II लड़ाकू विमान वर्टिकल लैंडिंग करता है, तब रियर नॉजल नीचे की दिशा में मुड़ जाता है और लिफ्ट फैन ऊपर की तरफ ज्यादा थ्रस्ट जेनरेट करता है. इससे लड़ाकू विमान हवा में स्थिर होकर सीधा नीचे उतर सकता है. यही तकनीक इस फाइटर जेट को एयरक्राफ्ट कैरियर्स, रिमोट इलाकों या यहां तक शहरी के किसी खुले इलाके में भी उड़ान भरने और लैंडिंग करने की क्षमता देते हैं. ऐसी स्थितयों में भी F-35B लाइटनिंग II को लैंडिंग करने के लिए किसी रनवे की जरूरत नहीं है.
लॉकहीड मार्टिन का F-35B लाइटनिंग II भारत के ताकतवर सुखोई Su-30 MKI या राफेल से कहीं ज्यादा आधुनिक फाइटर जेट है. भारत के इन लड़ाकू विमानों को उतरने के लिए सैकड़ों मीटर लंबी रनवे की जरूरत होती है, लेकिन F-35B को टेक-ऑफ करने के लिए सिर्फ 150–200 फीट की जगह चाहिए और यह बिना किसी रनवे के सीधा लैंडिंग कर सकती है. इसकी फाइटर जेट की यही खास बात इसे एक गेम-चेंजर बनाती है.
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