'पाकिस्तानी रुपये पर हिंदी नहीं', पाक यूट्यूबर ने इंडियन इकोनॉमी का जिक्र करते हुए क्यों कहा- भारतीय रुपये पर भी उर्दू...
इंडियन करेंसी पर कुल 15 अलग-अलग भाषाओं में नोट की वैल्यू लिखी होती है और ये 10, 20, 50, 100 से लेकर 500 तक हर नोट पर है. इन 15 भाषाओं में उर्दू भी शामिल है. पाकिस्तानी यूट्यूबर सोहेब चौधरी ने इसी मुद्दे को उठाते हुए सवाल पूछा है कि जब पाकिस्तान में भी दूसरे धर्मों के लोग रहते हैं, तो यहां की करेंसी पर उर्दू के अलावा कोई और भाषा क्यों नहीं है.
पाकिस्तानी यूट्यूबर सोहेब चौधरी ने पाक की हाईकोर्ट के एक वकील से ये सवाल किए, जिस पर वकील ने कहा कि भारत ऐसा इसलिए कर रहा है ताकि उसकी वाहवाही हो. दूसरी बात ये कि वहां बहुत पहले से ऐसा हो रहा है तो बस वही चल रहा है, लेकिन ग्राउंड रिएलिटी वहां के लोगों से जाकर पूछें.
वकील ने फिर पाकिस्तान और भारत के हालातों पर बात की और कहा कि इंडिया में भी बहुत दिक्कतें हैं, जिन पर वहां की सरकार ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) हिंदुत्व के नाम पर एक प्रोजेक्ट चला रही है, लेकिन अभी उसको ओपेनली नहीं कर रहे क्योंकि जाहीर सी बात है कि वे इसको डिक्लेयर नहीं करना चाहते हैं.
वकील ने आगे कहा कि असम और बिहार के लोगों से जाकर पूछें कि उनके साथ कितनी ज्यादती हो रही है. उन्होंने मुसलमानों का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि इंडियन मुसलमानों के साथ गलत होता है. हालांकि, इन वकील ने तो कोई आंकड़े पेश नहीं किए और सिर्फ आरोप ही लगाती हुई नजर आ रही थीं.
ये वकील साहिबा यही नहीं रुकी पाकिस्तान की बर्बादी का ठीकरा भी भारत पर फोड़ने लगीं. उन्होंने कहा कि इंडिया ने हमें दिया ही क्या था, न हमारे पास समान पूरा, हमारे आर्मी के लिए इक्विप्मन्ट पूरे नहीं थे. आप कहते हैं उनकी इकोनॉमी हमसे बेहतर है. डे वन से हमारे साथ ज्यादती हो रही है. उन्होंने 1971 की लड़ाई का आरोप भी भारत पर लगा दिया.
उन्होंने कहा कि भारत तो पहले से ही हमें स्ट्रोंग नहीं देखना चाहता इसलिए लड़ाई लगवा दी. 1971 की लड़ाई में ये लोग शामिल थे और आज तक हैं.