सऊदी अरब को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने के बाद अचानक क्यों बैकफुट पर आ गया अमेरिका
तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक प्लस की ओर से तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा के बाद 2022 में अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्तों में तनाव आ गया था.
तेल कटौती के बाद अमेरिका ने सऊदी अरब को गंभीर परिमाण भुगतने की धमकी दी थी.
2022 के अक्टूबर की बात करें तो अमेरिका के दोस्त सऊदी अरब से अमेरिका की तनातनी मीडिया की सुर्खियों में थीं.
अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्तों को लेकर अमेरिकी अखबार द वाल स्ट्रीट जर्नल न्यूजपेपर ने इस बात का खुलासा किया है कि अमेरिका ने सऊदी अरब को धमकी दी कि वो अपना फैसला वापस ले.
अमेरिका के लाख धमकियों के बाद भी तेल उत्पादन देशों के समूह ओपेक प्लस ने अमेरिका को झटका दिया था. उसने तेल उत्पादन में कटौती का निर्णय किया था. ओपेक प्लस में सऊदी अरब का दबदबा है.
रूस भी ओपेक प्लस समूह का एक हिस्सा है. अमेरिका ने ओपेक के इस निर्णय को रूस समर्थक होने का आरोप लगाते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.
एक अमेरिकी सांसद ने कहा था कि अमेरिका को सऊदी अरब के साथ अपने सभी संबंधों को खत्म कर लेने चाहिए.
अमेरिका ने तीन महीने बाद भी सऊदी अरब के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया है.
गल्फ स्टेट एनालिटिक्स के सीईओ जियोर्जियो कैफिएरो ने कहा कि तेल उत्पादन में कटौती के बाद भी सऊदी अरब ने तेल की कीमतों को नहीं बढ़ाया.
अमेरिका का सऊदी अरब के लिए नरम रूख अपनाने की एक वजह ये भी हो सकती है.