Afghanistan Crisis Photos: अफगानिस्तान के कई शहरों में प्रदर्शन, तालीबान ने की बर्बरता
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बीच लोगों ने स्वतंत्रता दिवस मनाया. इस मौके पर काबुल समेत कई शहरों में लोग अफगानिस्तान का झंडा लेकर सड़कों पर निकले और तालिबान के खिलाफ आवाज बुलंद की. हालांकि तालिबान ने इसके खिलाफ कई जगहों पर फायरिंग की. इस फायरिंग में कई लोगों की जान चली गई. फोटो में तालिबान के हथियारबंद लड़ाके दिख रहे हैं.
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View In Appकाबुल हवाई अड्डे के समीप लोगों ने कारों में सवार होकर और पैदल मार्च निकाला. उनके हाथों में अफगान ध्वज के सम्मान में लंबे काले, लाल एवं हरे बैनर थे. प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे हमारा झंडा, हमारी पहचान. यह बैनर विरोध का प्रतीक बनता जा रहा है क्योंकि तालिबानियों का अपना झंडा है. एक चश्मदीद ने काबुल में एक रैली के पास गोलियों की बौछार की सूचना दी. तालिबानी हवा में गोलियां चला रहे थे.
नांगरहार प्रांत में प्रदर्शन को लेकर एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें नजर आ रहा है कि एक प्रदर्शनकारी को गोली लगी है , उसका खून बह रहा है एवं लोग उसे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि पूर्वी शहर असदाबाद में तालिबान आतंकवादियों द्वारा भीड़ पर की गई गोलीबारी में कई लोग मारे गए. यह स्पष्ट नहीं है कि असदाबाद में हताहत तालिबान की गोलीबारी से हुए या भगदड़ से.
खोस्त प्रांत में तालिबान अधिकारियों ने प्रदर्शन को दबाने के बाद 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया. विदेश से स्थिति की निगरानी कर रहे पत्रकारों से यह जानकारी मिली है. वैसे आतंकवादियों ने प्रदर्शन या कर्फ्यू की बात तत्काल स्वीकार नहीं की है .
कुनार प्रांत में भी लोग सड़कों पर उतरे. प्रत्यक्षदर्शियों और सोशल मीडिया पर डाले गये वीडियो से इसकी पुष्टि हुई. तालिबान ने बुधवार को हिंसक तरीके से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया था. जलालाबाद में प्रदर्शनकारियों ने तालिबान का झंडा हटाकर अफगानिस्तान का तिरंगा लगा दिया. उसी तालिबान की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई. (फोटो बुधवार की है)
अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में पहुंचे विपक्षी नेता ‘नदर्न अलायंस’ के बैनर तले सशस्त्र विरोध करने को लेकर चर्चा कर रहे हैं. यह स्थान ‘नदर्न अलाइंस’ लड़ाकों का गढ़ है, जिन्होंने 2001 में तालिबान के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया था. यह एकमात्र प्रांत है जो तालिबान के हाथ नहीं आया है.
बता दें कि तालिबान ने अभी तक उस सरकार के लिए कोई योजना पेश नहीं की है, जिसे चलाने की वह इच्छा रखता है. उसने केवल इतना कहा है कि वह शरिया या इस्लामी कानून के आधार पर सरकार चलाएगा.
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