भारत के हाथ में आया 'वज्र'! दुश्मन भेजेगा आसमानी आफत तो 4 किमी दूर से ही कर देगा ढेर
वज्र शॉट नाम की इस बंदूक से चार किमी की दूरी से ही किसी भी ड्रोन को निशाना बनाया जा सकता है. इस गन ने नौसेना के चीफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का भी ध्यान अपनी ओर खींचा.
बिग बैंग बूम सॉल्यूशंस की ओर से बनाए गए वज्र शॉट को भारतीय सेना और वायुसेना में तैनात किया गया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कंपनी से जुड़े हुए रवि कुमार ने बताया कि वज्र शॉट हाथ से पकड़ने वाली एंटी-ड्रोन गन है, जो किसी भी निशाने का 4 किमी की दूरी से पता लगा सकती है. यह जैमर की तरह से काम कर सकती है. हमें अब तक लगभग 25 मिलियन डॉलर (₹200 करोड़ से अधिक) के ऑर्डर मिले हैं.
वज्र शॉट की खासियत बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे सैनिकों के लिए पोर्टेबिलिटी और उपयोग में आसानी के लिए डिजाइन किया गया है. वज्र शॉट का रडार चार किलोमीटर दूर से ड्रोन का पता लगा लेता है और ड्रोन और उसके ऑपरेटर के बीच रेडियो संचार को बाधित कर देता है. इससे ड्रोन अपना नियंत्रण खोकर गिर जाता है.
नौसेना के चीफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी वज्र शॉट की तारीफ की. इसके साथ ही उन्होंने इस सेमिनार में आए अन्य हथियारों का भी निरीक्षण किया.
एआई के इस्तेमाल ने ड्रोन के जरिए हमले और अन्य तरह की चीजों को अंजाम देना आसान बना दिया है. रूस-यूक्रेन युद्ध में एआई के जरिए ड्रोन का इस्तेमाल और लाल सागर में ड्रोन हमलों ने रणनीति बदलने के लिए मजबूर किया है. ड्रोन कम लागत में बड़े हमलों को अंजाम दे सकते हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका और ब्रिटेन सटीक हमले करने के लिए जेलेंस्की की सेना को एआई से चलने वाले ड्रोन बड़ी मात्रा में भेज रहे हैं.