यूपी में हीटवेव के असर से गंगा भी नहीं रही अछूती! जलस्तर में गिरावट ने बनाया रिकॉर्ड, काशी में नदी ने घाटों से बना ली दूरी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भीषण गर्मी के कारण गंगा का जलस्तर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. आमतौर पर जून में गंगा की चौड़ाई 70 से 80 मीटर के आसपास हुआ करती थी, जो अब घटकर 30 से 35 मीटर रह गई है. जलस्तर कम होने के कारण गंगा घाटों को छोड़ चुकी है.
गंगा नदी के जलस्तर में रिकॉर्ड गिरावट हुई है और ये आंकड़ा अब तक के न्यूनतम 189 फीट तक पहुंच गया है. बता दें कि गंगा नदी से पंपिंग स्टेशन के माध्यम से जल खींच कर आधे से ज्यादा वाराणसी को पानी की सप्लाई की जाती है. ऐसे में अगर ये संकट बढ़ता रहा तो आगामी दिन में वाराणसी को जल की कमी से जूझना पड़ेगा.
गौरतलब है कि पिछले डेढ़ महीने से भीषण गर्मी पड़ रही है, जिससे गंगा का पानी काफी हद तक सूख गया है. नतीजतन, पानी की कमी के कारण नदी के किनारों पर गंदगी और मलबा और अधिक दिखाई देने लगा है.
वाराणसी में गंगा नदी के तट लगभग 88 घाट हैं जिसमें ललिता घाट, अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, सिंधिया घाट, मान-मंदिर घाट, बछराज घाट, पांडेय घाट, व सक्का घाट को प्रमुख माना जाता है. हालांकि तपती गर्मी के बीच इन घाटों की स्थिति बदहाल होती जा रही है.
गंगा नदी के किनारों पर जमा हो रहे कचरे से नदी के प्रवाह की महत्ता उजागर होती है, जो तभी बनी रह सकती है जब नदी में पर्याप्त पानी हो. वैसे तो गंगा को जीवनदायिनी माना जाता है, लेकिन हाल ही में पड़ रही भीषण गर्मी ने गंगा के पानी की हकीकत को उजागर कर दिया है.
इस दौरान भीषण गर्मी के कारण गंगा नदी के जलस्तर में गिरावट के कारण घाटों से पानी कम हो गया है और किनारे पर टूटी हुई नावें, बिखरा हुआ कचरा और टूटे हुए पत्थर दिखाई दे रहे हैं.
ऐसे में ये साफ है कि गंगा नदी की वर्तमान स्थिति के लिए भीषण गर्मी और कड़ी धूप को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. जिसकी वजह से गंगा नदी का जलस्तर कम हो रहा है. इसके अलावा पर्यावरण से खिलवाड़ व ग्लेशियर का पिघलना भी गंगा नदी के जलस्तर कम होने का एक कारण माना जा रहा है.