करोड़ों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़, ये छोटा मामला है? तिरुपति मंदिर लड्डू प्रसाद विवाद पर भड़के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पूछा?
आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर चल रहे विवाद के बीच ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी की भी प्रतिक्रिया आई है. वह इस बात से बेहद नाराज हैं कि अभी तक जांच के लिए टीम क्यों नहीं बनाई गई. अविमुक्तेशवरानंद सरस्वती ने एसआईटी टीम बनाए जाने से पहले यह बात कही थी.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने कहा कि अभी तक तो स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) की बैठक हो जानी चाहिए थी. करोड़ों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है. एसआईटी टीम को गठित करने में इतनी देर क्यों लग रही हैं?
उन्होंने कहा, 'आप इसे छोटा मामला समझ रहे हो. अभी तक तो जांच भी शुरु हो जानी चाहिए थी. क्या हो रहा है ये, इतनी देर क्यों लगाई जा रही है? करोड़ों हिंदुओं की पवित्रता को भंग करने का प्रयास किया जा रहा है. '
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने आगे कहा कि इसके बाद भी अगर जांच का कमेटी बनाने में सरकार को इतनी देर लग रही है, तो जांच करने में कितनी देर लगेगी. सरकार क्या चाहती है कि मामला टल जाए.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया था कि उनके शासन में तिरुपति मंदिर के अहम प्रसाद लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी और मछली का तेल इस्तेमाल करने की इजाजत मिली हुई थी. लड्डू का यह प्रसाद भगवान वेंकटेश्वर के भोजन का अहम हिस्सा है.
प्रसादम की क्वालिटी का पता करने के लिए लड्डू में उपयोग होने वाली घी को गुजरात के नेशनल डेयरी डेवलॉपमेंट बोर्ड (NDDB) की एक प्रयोगशाला में भेजा गया. जब रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि घी में जानवरों की चर्बी के सैंपल और कई अशुद्धियां मिली हैं. इस रिपोर्ट को तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने 20 सितंबर को जारी किया था.