सुन लो सारे 420, अब ज्यादा 3 का 16 मत करना, 302 का भी बदला एड्रेस!
Criminal Law Changes: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तीन बिलों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल को दोनों सदनों से पारित कर दिया गया था. इसके बाद इन तीनों नए क्रिमिनल लॉ बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये तीनों बिल अब कानून बन गए हैं.
भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय साक्ष्य संहिता के नाम से जाना जाएगा. आइए जानते हैं इसके बारे में-
पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 में हत्या की सजा का प्रावधान था लेकिन अब नए कानून के मुताबिक ये धारा 101 के तहत आएगी. नए कानून में धारा 302 स्नेचिंग के लिए लगाई जाएगी.
इसी तरह भारतीय दंड संहिता में धारा 420 को धोखाधड़ी के अपराध के लिए लगाई जाती थी, जबकि नए बिल में धोखाधड़ी की धारा 316 में बदल दी गई है. कहने का मतलब ये है कि धारा 420 को खत्म कर दिया गया है. वहीं धारा 144 को अब धारा 187 में तब्दील कर दिया गया है.
भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, युद्ध छेड़ने का प्रयास करना या फिर युद्ध छेड़ने के लिए उकसाने के लिए लगाई जाने वाली धारा 121 को बदलकर धारा 146 में बदल दिया गया है. आईपीसी की धारा 499, जो मानहानि से संबंधित है इसे अब नए कानून की धारा 354 के रूप में बदला गया है.
आईपीसी के तहत बलात्कार से निपटने वाली धारा 376, अब धारा 63 है और धारा 64 सजा से संबंधित है, जबकि धारा 70 सामूहिक बलात्कार के अपराध से संबंधित है. इसके अलावा आईपीसी की धारा 124-ए, जो राजद्रोह से संबंधित है, इसे अब नए कानून के तहत धारा 150 के रूप में जाना जाएगा.