Solar Storm: मंडरा रहा बड़ा खतरा? धरती से टकराया तूफान! रंगीन हो गया पूरा आसमान
एजेंसियां फिक्रमंद हैं कि तूफान हेलेन और मिल्टन से निपटने के लिए किए जा रहे रिकवरी प्रयासों को ये प्रभावित कर सकता है. एनओएए के अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एसडब्ल्यूपीसी) के अनुसार, मंगलवार (8 अक्टूबर 20204) की शाम को सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) विस्फोट हुआ और गुरुवार सुबह 11:15 बजे (ईएसटी) लगभग 1.5 मिलियन मील प्रति घंटे (2.4 मिलियन किमी प्रति घंटे) की रफ्तार से पृथ्वी पर पहुंचा.
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने एसडब्ल्यूपीसी के हवाले से बताया कि तूफान जी4 (गंभीर) स्तर पर पहुंच गया. इसे जी4 जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच के रूप में वर्गीकृत किया गया है. गुरुवार और शुक्रवार को जी4 या उससे अधिक जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच प्रभावी रहा. एसडब्ल्यूपीसी, जियोमैग्नेटिक तूफान की स्थितियों को लेकर चेतावनियां और अलर्ट जारी किया है .
एनओएए के अनुसार, यह तूफान हेलेन और मिल्टन तूफानों के लिए चल रहे रिकवरी प्रयासों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिसमें रेडियो ब्लैकआउट, बिजली ग्रिड पर दबाव और जीपीएस सेवाओं में गिरावट शामिल है.
सीएमई, सूर्य के कोरोना से चुंबकीय क्षेत्र और प्लाज्मा द्रव्यमान का बहुत बड़ा उत्सर्जन है. जब वे पृथ्वी की ओर आता है, तो पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बड़ी गड़बड़ी पैदा करता है, जिसे भू-चुंबकीय तूफान कहा जाता है. इससे रेडियो ब्लैकआउट, बिजली कटौती का खतरा बढ़ जाता है.
इससे पहले अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि एक बड़ा सोलर तूफान पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है. नासा ने इससे इलेक्ट्रॉनिक संचार व्यवस्था प्रभावित होने की चेतावनी दी थी. इसे लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भी भारतीय सैटेलाइट ऑपरेटरों को सभी एहतियात बरतने के लिए कहा था.