Waqf Board Row: 'मंदिरों में जो...', वक्फ बोर्ड पर शंकराचार्य ने सरकार को दिखाया आईना! नसीहत दे कह दी ये बात
उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने वक्फ बोर्ड से जुड़े सियासी विवाद पर केंद्र सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की है.
समाचार एजेंसी 'एएनआई' से शंकराचार्य ने सोमवार को कहा, हमारे मंदिरों में जो सरकारें प्रबंधन के नाम पर आकर बैठ गई हैं, उन्हें परिसर छोड़ देना चाहिए.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के मुताबिक, धर्म का काम धर्माचार्यों और उससे जुड़े लोगों को ही करने देना चाहिए. जैसे हमारे लिए हम हैं, वैसे ही बाकी मामले भी देखे जाएं.
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने आगे बताया, वक्फ के बारे में हमको अभी पूरी बात नहीं पता है. क्या मामला है, जब तक पूरी बात समझ न लें, तब तक हम कुछ नहीं कह सकते हैं.
जातिगत जनगणना पर शंकराचार्य बोले कि बहस तो चलेगी. हमारा कहना है कि हिंदू समाज जातियों में बंटा है पर हर जाति गाय को मां मानता है इसलिए गाय पर बिल आना चाहिए.
शंकराचार्य ने बातचीत के दौरान आगे यह दावा भी किया कि गाय से जुड़ा बिल संसद में लाया जाना चाहिए. किसी भी जाति का हिंदू होगा, वह उसका पुरजोर समर्थन करेगा.
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बोले कि एक हिंदू के लिए सबसे अहम गाय है. हिंदुओं के 33 कोटि देवता हैं, वे गाय में रहते हैं. वेदों-शास्त्रों और पुराण में भी इसका जिक्र है.
इंटरव्यू के दौरान शंकराचार्य ने कहा, जिस गाय को हम मां कहते हैं, उसे काटकर मांस बेचा जा रहा है, इससे बड़ा कलंक क्या होगा. इसका निवारण हो जाना चाहिए.
पीड़ा का जिक्र करते हुए शंकराचार्य ने बताया, अपनी सरकार को 75 साल से अधिक हो चुके हैं. फिर भी गोहत्या नहीं रुक रही है.हम इस हत्या को अब स्वीकार नहीं करना चाहते.