Sakshi Malik Retirement: बृजभूषण पर लगाए थे महिला पहलवानों को गलत तरीके से छूने के आरोप, करीबी बना अध्यक्ष तो रोते हुए रेसलिंग रिंग को कहा अलविदा
18 जनवरी: पहलवानों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया. डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण और धमकी का आरोप लगाया तथा उनके इस्तीफे और महासंघ को भंग करने की मांग की. प्रदर्शन करने वालों में साक्षी मलिक भी थीं.
20 जनवरी: पहलवानों ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) अध्यक्ष पीटी ऊषा को एक शिकायत पत्र लिखा और आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति के गठन और पहलवानों की सलाह से डब्ल्यूएफआई को चलाने के लिए एक नयी समिति की नियुक्ति की मांग की.
21 जनवरी: खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन समाप्त किया. 24 जनवरी को प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने निराशा व्यक्त की कि सरकार ने समिति के सदस्यों के लिए उनसे सलाह नहीं ली.
23 अप्रैल: पहलवानों ने जंतर-मंतर पर वापसी की और कहा कि एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है. दावा किया गया कि पुलिस ने अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है.
25 अप्रैल: पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
3 मई: पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प हुई जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों के सिर में चोटें आईं. साक्षी मलिक भी इस प्रदर्शन में शामिल थीं. उन्हें भी पुलिस जबरन उठाकर ले गई थी.
28 मई: विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित अन्य प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर दंगा करने और बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया, जब वे नई संसद की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे थे जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा था.
30 मई : साक्षी मलिक समेत अन्य प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा कि वे अपने जीते हुए मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे. पहलवान इसे लेकर हरिद्वारा पहुंचे, लेकिन राकेश टिकैत ने समझाकर रोका.
21 दिसंबर: बृज भूषण के विश्वासपात्र संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का नया प्रमुख चुना गया और उनके पैनल ने अधिकांश पदों पर आराम से जीत हासिल की. साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का एलान किया.